कर्नाटक। कर्नाटक में ब्लैक फंगस के डर से एक दंपति ने आत्महत्या कर ली है. दोनों पति-पत्नी कोरोना संक्रमित हो गए थे. अपने सुसाइड नोट में पति ने लिखा कि मेरी पत्नी मधुमेह की मरीज है, समाचार चैनलों ने दिखाया कि कोरोना से संक्रमित मधुमेह रोगी भी ब्लैक फंगस से संक्रमित होंगे और अपने अंगों को खो देंगे.

 

सुसाइड नोट में पति ने कहा कि हमने यह मान लिया कि इससे काफी कीमत चुकानी पड़ेगी और इसलिए हम खुदकुशी कर कर रहे हैं. मृतकों की पहचान रमेश (40) और गुना आर सुवर्णा (35) के रूप में हुई है. दोनों मैंगलोर के बैकम्पाद्यो के एक अपार्टमेंट में रह रहे थे. रमेश की पत्नी गुना सुवर्णा मधुमेह से पीड़ित थीं.

 

पिछले एक हफ्ते में दोनों में कोविड-19 संक्रमण के लक्षण दिखे. सुसाइड से पहले पति-पत्नी ने शहर के पुलिस आयुक्त एन शशि कुमार को एक ऑडियो मैसेज भी भेजा. इस ऑडियो मैसेज में दंपति ने कहा कि ब्लैक फंगस को लेकर वह डरे हैं, इसलिए उन्होंने अपने को समाप्त करने का फैसला किया है.

 

इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने उनसे कोई भी जल्दबाजी में कदम न उठाने का अनुरोध किया. उन्होंने (कमिश्नर) मीडिया समूहों के माध्यम से दंपति को खोजने और उनकी जान बचाने का भी अनुरोध किया. इस बीच पुलिस अपार्टमेंट में पहुंची और पाया कि दोनों ने आत्महत्या कर ली है.

 

डेथ नोट में कहा गया है कि गुना ने कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के कारण कभी बच्चा पैदा नहीं कर सकती और इसलिए लोगों के साथ घुलने-मिलने से बचती थी, क्योंकि वे उससे इसके बारे में पूछते थे.

 

डेथ नोट में लिखा था, ‘मैंने और मेरे पति ने तय किया है, हम शरण पंपवेल और सत्यजीत सुरथकल से हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हमारा अंतिम संस्कार करने का अनुरोध करते हैं, हमने इसके लिए 1 लाख रुपये रखे हैं, मैं पुलिस आयुक्त एन शशि कुमार, शरण पंपवेल और सत्यजीत सुरथकल से हमारे अंतिम संस्कार में सहयोग करने की अपील करती हूं.’

 

डेथ नोट में आगे लिखा था, ‘घर का सामान गरीबों में बांट देना चाहिए और यह हमारे माता-पिता के किसी काम का नहीं है, हम अपने घर के मालिकों से माफी मांगते हैं.’ इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर ने कहा कि मैंगलोर में एक दंपति ने कोविड के सकारात्मक परीक्षण के बाद आत्महत्या कर ली, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसा हुआ है, कर्नाटक में 28 लाख लोग कोविड से ठीक हो चुके हैं.

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