जयपुर, 18 फरवरी (स्वदेश टुडे)। आज कल गेम खेलने का बुखार सबके सर पर चढ़ा हुआ है। इसमें बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी गेम के दीवाने होते जा रहे हैं।

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लेकिन कभी-कभी ये गेम किसी की जान ले लेता है। हालांकि इसमें गेम की उतनी कोई गलती नहीं होती, क्योंकि ये घर के परिजन और उस इंसान के ऊपर होता है कि वह गेम को कितना समय दे रहा है। आमतौर पर छोटे बच्चों को फोन से दूर रखना चाहिए और उन्हें सिर्फ कम ही समय के लिए फोन का इस्तेमाल करने के लिए देना चाहिए। क्योंकि इससे बच्चे हिंसक स्वभाव के हो जाते हैं।

ऐसा ही एक मामला सामने आया है, सोडाला थाना इलाके में उस समय हडकंम मच गया जब 12वीं क्लास के छात्र ने BGMI खेलने के लिए मोबाइल नहीं दिलाने पर नाराज होकर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों के हवाले कर दिया।

थानाधिकारी सतपाल सिंह ने बताया कि थाना इलाके के सीताराम कॉलोनी में रहने वाले आदित्य कुमार (18) पुत्र विजय सिंह ने साड़ी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस की प्राम्भिक जांच पड़ताल में सामने आया कि मृतक के पिता विजय सिंह रात करीब दो बजे उठे तो आदित्य के कमरे की लाइट जली देखी और फिर कमरे में झांक कर देखा तो आदित्य फंदे पर लटका दिखाई दिया।

उसके बाद परिजनों ने कमरे का दरवाजा तोड़कर आदित्य को एसएमएस अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने आदित्य को मृत घोषित कर दिया। अस्पताल की सूचना पर पुलिस पहुंची और शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंपा। पुलिस की प्रारंभिक जांच में मृतक के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

आदित्य अपने दादा के मोबाइल पर घंटों BGMI खेलता था

मृतक आदित्य का 13 फरवरी को बर्थडे था, जिसने बर्थडे पर अपने परिजनों से मोबाइल मांगा था। परिजनों ने 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद मोबाइल दिलाने का वादा किया। बर्थडे पर मोबाइल नहीं मिलने के बाद से ही आदित्य गुमसुम रहने लगा था। जिसके बाद रात को खाना खाकर आदित्य अपने रूम में सोने के लिए चला गया था। देर रात आदित्य ने अपने रूम में मां की साडी से फांसी का फंदा बनाया और पंखे पर झूल गया। मृतक आदित्य पढने में होशियार था। आदित्य अपने दादा के मोबाइल से ऑनलाइन क्लास लेता था और उसके बाद घंटों  गेम खेलता था।  खेलने पर परिवार के सदस्य आदित्य को आए दिन टोंकते थे।  गेम खेलने के जुनून के चलते पिता ने उसे बर्थडे पर मोबाइल नहीं दिलाया।

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