नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि मैं यस बैंक के सभी जमाकर्ताओं को विश्वास दिलाना चाहती हूं कि उनके पैसे बिल्कुल सुरक्षित हैं। वह लगातार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के संपर्क में हैं। अर्थव्यवस्था, बैंक और जमाकर्ताओं के हित में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं।
यस बैंक के हालात को लेकर आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की यस बैंक के हालात पर पूरी नजर है। बैंक के जमाकर्ताओं को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि साल 2017 से ही आरबीआई यस बैंक पर निगरानी कर रहा था। 2018 में रिजर्व बैंक ने यस बैंक में गड़बड़ी की पहचान कर ली थी, जबकि 2019 में यस बैंक पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।
उन्होंने बताया कि बैंक द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था, जबकि बैंक ने जोखिम भरे क्रेडिट निर्णय लिए थे। यस बैंक ने अनिल अंबानी, डीएचएफएल, वोडाफोन और एसेल ग्रुप जैसी कंपनियों को लोन दिया जो डिफॉल्ट हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी मामले 2014 से पहले यानी यूपीए शासनकाल के हैं।
सीतारमण ने बताया कि यस बैंक के मामले को लेकर वह मई 2019 के बाद से लगातार आरबीआई बैंक के संपर्क में थीं। आरबीआई गवर्नर ने मुझे भरोसा दिलाया है कि मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। रिजर्व बैंक और सरकार लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। मैं खुद भी निजी तौर पर आरबीआई के साथ मिलकर पिछले कुछ महीनों से बैंक के हालात पर नजर रख रही हूं और सभी के हित में जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जल्द ही बैंक के लिए रिजोल्यूशन प्लान सरकार लेकर आएगी। अभी तक लिए गए निर्णय सभी के हित में हैं। उन्होंने कहा कि वह आरबीआई से बात करेंगी कि यस बैंक के जमाकर्ताओं को नकदी की समस्या से जूझना न पड़े। उधर, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी कहा है कि बैंक से जुड़े मुद्दों का समाधान बहुत जल्दी कर लिया जाएगा। इसके लिए 30 दिन की समय सीमा तय की गई है। रिजर्व बैंक इस दिशा में जल्द कार्रवाई करेगा।
उन्होंने कहा कि यस बैंक पर रोक लगाने का निर्णय किसी एक इकाई को ध्यान में रखकर नहीं किया गया है। यह निर्णय देश के बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखने के लिए किया गया है।
आरबीआई गाइडलाइंस आने के बाद हालात को जायजा लेने के लिए हिन्दुस्थान समाचार संवाददाता नोएडा सेक्टर-63 स्थित यस बैंक ब्रांच पर पहुंचा तो वहां लोगों की भीड़ लगी हुई थी। बैंक के अधिकारी ने बताया कि एटीएम में पैसा है, लेकिन सर्वर डाउन होने की वजह से कैश नहीं निकल रहा है। एक खाताधारक ने पूछने पर बताया कि ऑनलाइन भी पैसा ट्रांस्फर नहीं हो रहा है, लेकिन बैंक कर्मचारी ने बताया कि बैंक आरबीआई की गाइडलाइंस के मुताबिक काउंटर से 50 हजार रुपये नकद का भुगतान जमाकर्ताओं को कर रही है।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने यस बैंक से पैसा निकालने की ऊपरी सीमा 50 हजार रुपये निर्धारित कर दी है। अब बैंक के खाताधारक अधिकतम 50 हजार रुपये ही निकाल सकेंगे। यस बैंक की आर्थिक स्थिति में गंभीर गिरावट आने के बाद आरबीआई ने 30 दिन के लिए उसके बोर्ड का नियंत्रण अपने हाथों में पूरी तरह से ले लिया है। एसबीआई के पूर्व डीएमडी और सीएफओ प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक बनाया गया है।