छत्तीसगढ़। घटना सूरजपुर के भैयाथान चौक की है. इस जिले में 31 मई तक लॉकडाउन लगाया गया है. इस लॉकडाउन का पालन कराने के लिए शनिवार यानी, 22 मई को खुद कलेक्टर रणवीर शर्मा सड़क पर उतरे. वो आम लोगों को लॉकडाउन का पाठ पढ़ाते-पढ़ाते खुद इंसानियत का पाठ भूल गए और दादागिरी पर उतारू हो गए. इस दौरान वो महिलाओं के साथ बदतमीजी करते नजर आए. कुछ लोगों को सरेआम उठक-बैठक लगवाई. नाबालिग बच्चा जो अपने पिता के लिए दवाई लेने गया था, उसको लाठी-डंडों से पिटवाया, जबकि उसने दवाई की पर्ची भी दिखाई.

कलेक्टर साहब इतने तेवर में दिख रहे हैं कि उन्होंने एक युवक का मोबाइल सरेआम सड़क पर पटककर तोड़ दिया और पुलिसवालों से उसकी पिटाई कराई. इस दौरान वो इतने मगरूर थे कि जो लोग उन्हें सड़क पर आने का कारण बता रहे थे वो उन्हें भी नहीं छोड़ रहे थे. कलेक्टर की इस कार्रवाई में एक 13 वर्षीय बच्चे सहित कई लोगो को काफी चोटें आईं हैं. इस घटना के बाद से स्थानीय लोगो में आक्रोश है.

इस घटना के सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद से कलेक्टर रणवीर शर्मा ट्विटर पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं. सोशल मीडिया में उन्हें हटाने के लिए कई हैशटैग चलाए जा रहे हैं. जिसके बाद खुद रणवीर शर्मा ने सोशल मीडिया मे अपना वीडियो जारी कर इस पूरे मामले में सफाई देते हुए माफी मांगी है.

इस मामले पर कलेक्टर रणवीर शर्मा ने कहा कि वो युवक (जिसकी पिटाई हुई) कह रहा था कि वो वैक्सीन लगवाने जा रहा है, लेकिन उसके पास सही कागज नहीं थे. बाद में उसने कहा कि वो दादी के घर जा रहा है. उसके गलत बर्ताव की वजह से मैंने उस वक्त उसे थप्पड़ जड़ दिया. कलेक्टर ये भी कहते हैं कि उस लड़के की उम्र 23-24 साल थी, न कि 13 साल. उनका कहना है कि मुझे अपने किए पर पछतावा है और मैं अपने व्यवहार के लिए माफी मांगता हूं.

 

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