नई दिल्‍ली। गोवा की पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ भाजपा नेत्री मृदुला सिन्हा का उनके 78 वें जन्मदिन से कुछ ही दिन पहले बुधवार को निधन हो गया। वह एक कुशल लेखिका भी थीं, जिन्होंने साहित्य और संस्कृति की दुनिया में व्यापक योगदान दिया था। 77 वर्षीय मृदुला सिन्हा बिहार की रहने वाली थी, पहले जनसंघ और फिर भाजपा से जुड़ीं। उन्होंने भाजपा की महिला शाखा की प्रमुख के रूप में भी काम किया था। पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने उनके निधन पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि मृदुला सिन्हा जी को जनता की सेवा के लिए उनके प्रयासों के लिए याद किया जाएगा। वह एक कुशल लेखिका भी थीं, जिन्होंने साहित्य के साथ-साथ संस्कृति की दुनिया में भी व्यापक योगदान दिया। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।

मृदुला सिन्हा का जन्म 1942 में बिहार के छपरा जिले के कांटी प्रखंड निवासी राम छबिला सिंह और अनूपा देवी के घर हुआ था। उन्होंने शुरुआती शिक्षा लखीसराय बालिका विद्यापीठ तथा बीए की डिग्री एमडीडीएम कॉलेज से हासिल की। इसके बाद बिहार विश्वविद्यालय से पीजी की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के बाद वह एसकेएस महिला कॉलेज, मोतिहारी में प्रोफेसर बनीं। 1959 में उनकी शादी रामकृपाल सिंह से हुई। पति-पत्नी दोनों स्थापना काल से ही जनसंघ से जुड़े थे, पर मृदुला सिन्हा के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1977 में हुई।

77 में केंद्र में जब पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी तो मोरारजी देसाई की सरकार में पति रामकृपाल सिंह को श्रमराज्य मंत्री बनाया गया। इसके बाद वह परिवार के साथ बिहार से दिल्ली आ गईं। 1980 में भाजपा के गठन के बाद जब महिला मोर्चा की स्थापना हुईं तो वह सह संयोजक बनीं। वह दो बार भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रहीं। लेखन और साहित्यिक क्षेत्र में उनकी अलग पहचान रहीं। उनके परिवार में दो बेटे और एक बेटी हैं। मोदी सरकार ने उन्‍हें 2014 में गोवा का राज्‍यपाल बनाया था। वह बिहार से ताल्लुक रखने वाली ऐसी दूसरी महिला थीं, जो राज्यपाल के पद पर पहुंचीं।

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