कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की 150वीं वर्षगांठ पर अपने संबोधन में परोक्ष तौर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल के नीति-निर्धारकों को ईश्वर सद्बुद्धि प्रदान करे।

उन्होंने कहा कि यहां की सरकार गरीबों, मजदूरों और जरूरतमंदों को केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली मदद से वंचित कर रही है। गरीबों के स्वास्थ्य बीमा से संबंधित महत्वाकांक्षी योजना “आयुष्मान भारत” का जिक्र करते हुए कहा कि ईश्वर यहां के नीति निर्धारकों को सद्बुद्धि दें ताकि वह गरीबों के लिए योजनाएं लागू कर सकें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोलकाता पोर्ट सिर्फ जहाजों के आने-जाने का स्थान नहीं है, ये एक पूरे इतिहास को अपने आप में समेटे हुए है। इस पोर्ट ने भारत को विदेशी राज से स्वराज पाते देखा है। सत्याग्रह से लेकर स्वच्छाग्रह तक इस पोर्ट ने देश को बदलते हुए देखा है। भारत की औद्योगिक यात्रा से कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट को जोड़ते हुए कहा कि कोलकाता का ये पोर्ट एक प्रकार से भारत की औद्योगिक, आध्यात्मिक और आत्मनिर्भरता की आकांक्षा का प्रतीक है। ऐसे में जब ये पोर्ट 150वें साल में प्रवेश कर रहा है, तब इसको न्यू इंडिया के निर्माण का भी एक प्रतीक बनाना आवश्यक है।

इसके बाद प्रधानमंत्री ने कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट ट्रस्ट के नाम पर कर दिया। प्रधानमंत्री ने इस दौरान बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को भी याद किया। उन्होंने कहा, “आज के इस अवसर पर, मैं बाबा साहेब को भी याद करता हूं, उन्हें नमन करता हूं। डॉ. मुखर्जी और बाबा साहेब, दोनों ने स्वतंत्रता के बाद के भारत के लिए नई नीतियां और नया विजन दिया था। डॉ. मुखर्जी की बनाई पहली औद्योगित नीति में देश के जल संसाधनों के उचित उपयोग पर जोर दिया गया था। बाबा साहेब ने देश की पहली जल संसाधन नीति और श्रमिकों से जुड़े कानूनों को लेकर अपने अनुभवों का उपयोग किया था। देश में नदी घाटी परियोजनाओं, बांधों का, पोर्ट्स का निमार्ण तेजी से हो पाया तो इसका बड़ा श्रेय दोनों महान सपूतों को जाता है।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, हमारी सरकार मानती है कि हमारे तट विकास के द्वार हैं। इसलिए सरकार ने तटों पर कनेक्टिविटी और वहां के इंफ्रॉस्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए सागरमाला कार्यक्रम शुरू किया। उन्होंने ने ममता बनर्जी का नाम लिए बगैर परोक्ष तौर पर केंद्रीय योजनाओं से बंगाल के लोगों को वंचित करने के लिए उनकी आलोचना की। उन्होंने कहा-“मेरे दिल में हमेशा दर्द रहेगा और मैं चाहूंगा, ईश्वर से प्रार्थना करूंगा की बंगाल के नीति निर्धारकों को सद्बुद्धि दे। गरीबों के लिए गरीबी में मदद के लिए आयुष्मान योजना और किसानों की जिंदगी में पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मेरे बंगाल के गरीबों और किसानों को मिले, गरीबों, दलितों, वंचितों, शोषितों और पिछड़ों के विकास के लिए समर्पित भाव से प्रयास किए जा रहे हैं। जैसे ही पश्चिम बंगाल सरकार आयुष्मान भारत योजना, पीएम किसान सम्मान निधि के लिए स्वीकृति देगी, यहां के लोगों को इन योजनाओं का भी लाभ मिलने लगेगा।

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