नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने छह हजार अन्य रेल इंजनों में नव-विकसित रियल-टाइम ट्रेन इंफॉर्मेशन सिस्टम (आरटीआईएस) लगाने के लिए 2019 में अतिरिक्त निधि स्वीकृत की है। यह जानकारी रेलमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।

प्रश्नकाल के दौरान पीयूष गोयल ने कहा कि शुरुआत में आरटीआईएस को 2700 इंजनों में स्थापित करने की योजना बनाई गई थी। आरटीआईएस के रियल टाइम डाटा को राष्ट्रीय गाड़ी पूछताछ प्रणाली (एनटीईएस) से भी लिंक किया गया है। अब यात्रियों को गाड़ी चालन के बारे में सटीक सूचना दी जा रही है, जो स्टेशनों पर सुविधाजनक ढंग से पहुंचने में यात्रियों की मदद कर रही है।

राजस्थान से भाजपा सांसद ओम प्रकाश माथुर द्वारा इस संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए रेलमंत्री ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के सहयोग से विकसित आरटीआईएस को इंजनों में लगाया जा रहा है, जिसका उपयोग रेलगाड़ी के आगमन, प्रस्थान, रन-थ्रू समय सहित स्टेंशनों पर रेलगाड़ी संचलन के समय संबंधी आंकड़ों की स्वत: प्राप्ति के लिए किया जाता है। ये सूचना कंट्रोल ऑफिस एप्लीकेशन (सीओए) प्रणाली में गाड़ियों के कंट्रोल चार्ट में अपने आप ही दर्ज हो जाती है।

रेलमंत्री ने कहा कि आरटीआईएस से 30 सेकेंड के अंतराल पर मिड-सेक्शन की अद्यतन जानकारी भी मिलती है। ट्रेन कंट्रोलर अब आरटीआईएस समर्थित इंजनों/गाड़ियों की लोकेशन एवं गति से संबंधित सूचना मानवीय हस्तक्षेप के बिना अधिक सूक्षमता से प्राप्त कर सकते हैं, जिससे गाड़ी नियंत्रण की दक्षता में सुधार लाने में सहायता मिलती है। इसके अलावा यह इंजन से नियंत्रण केन्द्र तक आपातकालीन संदेश भेजने में भी अत्यंत सुविधाजनक है, जिससे किसी भी प्रकार की खराबी या आपदा के मामले में तत्काल प्रतिक्रिया में सहायता मिलती है।

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