मुंबई। ठाणे जिले में एक कारोबारी ने माल की आपूर्ति किये बिना ही धोखे से चालान जारी कर विभाग को 24.55 करोड़ रुपये की चपत लगायी है। इस मामले में जीएसटी अधिकारियों ने व्यापारी को गिरफ्तार कर लिया है। कारोबारी के खिलाफ कर चोरी का मामला दर्ज किया गया है। अदालत ने कारोबारी को नौ सितंबर तक न्यायिक कस्टडी में भेज दिया है। यह जानकारी बुधवार को विभागीय अधिकारी ने दी।
जीएसटी विभाग के अधिकारी ने बताया कि खुफिया जानकारी और सूचना के आधार पर व्यवसायी भाविन भारत शाह की तीन फर्मों की जांच कर तलाशी अभियान चलाया गया था। तलाशी के दौरान जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जब्त कर लिया। इसमें केंद्रीय बिक्री व खरीद चालान व इनवाइस भी बरामद हुए। केंद्रीय जीएसटी और आबकारी विभाग ने कहा कि कारोबारी शाह ने मेसर्स सी. बी. शाह एंड कंपनी, मेसर्स पद्मावती एंटरप्राइज और मेसर्स माण्या इम्पेक्स नाम से तीन फर्म का गठन किया था। इन तीनों कंपनियों के नाम से फर्जी तरीके से वास्तविक माल की आपूर्ति के बिना ही नकली बिल व चालान जारी किया करते थे।
जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर के पीआरओ अजीत डान ने बताया कि कागजातों की जांच में पता चला कि आरोपित कारोबारी शाह ने फर्जी तरीके से माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना ही बिलों व चालानों को जमा करते हुए कुल 136.38 करोड़ रुपये की कर चोरी की है। इसके अलावा कारोबारी ने फर्जी चालान के आधार पर जीएसटी से 24.55 करोड़ रुपये के गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट का कथित रूप से लाभ उठाया। उक्त चालानों का भुगतान आरटीजीएस और नकदी के माध्यम से किया गया था। नकद का भुगतान जीएसटी के तहत 50 प्रतिशत कमीशन में कटौती के बाद प्राप्त हुआ था। शाह ने कहा कि उसने माल या सेवाओं की आपूर्ति के बिना ही विभिन्न कंपनियों को दो प्रतिशत और माल के मूल्य के तीन प्रतिशत के आधार पर चालान जारी किए थे। जीएसटी अधिकारियों ने कारोबारी को मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया, जहां से उसे नौ सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
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