-रामपाल माजरा व दूड़ा राम ने थामा भाजपा का दामन
चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया है कि सत्तारूढ़ भाजपा का प्रदेश स्तर पर किसी भी राजनीतिक दल के साथ कोई मुकाबला नहीं है। प्रत्येक राजनीतिक दल चुनावी दौड़ से बाहर हो चुका है, अलबत्ता भाजपा को कुछ सीटों पर टक्कर जरूर मिलेगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल शनिवार को पार्टी मुख्यालय पर इनेलो नेता एवं पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सीपीएस चौधरी दूड़ा राम को भाजपा में शामिल करवाने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने हाल ही में आयोजित रथ यात्रा को बेहद सफल करार देते हुए कहा कि भाजपा के सामने कोई भी राजनीतिक दल खड़ा दिखाई नहीं देता है। प्रदेश में विपक्ष पूरी तरह से बिखर चुका है।
मनोहर लाल ने रोहतक की किलोई तथा सिरसा की ऐलनाबाद सीट का हवाला देते हुए कहा कि किलोई में भाजपा का मुकाबला कांग्रेस से होगा तो ऐलनाबाद में इनेलो से मुकाबला हो सकता है। किसी एक-दो सीट पर जननायक जनता पार्टी भी सामने आ सकती है। सीएम ने चुटकी लेते हुए कहा कि आज आलम यह है कि एक राजनीतिक दल तो दूर, विपक्ष के पास कुल 90 नेता भी नहीं हैं जो भाजपा के साथ सीट स्तर पर मुकाबला कर सकें। मुख्यमंत्री ने रामपाल माजरा और दूड़ा राम का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि आज भाजपा ही एकमात्र ऐसा दल है, जिसमें सभी दलों के नेता शामिल होना चाहते हैं। ऐसे में भाजपा अपना 75 प्लस का लक्ष्य बेहद आसानी के साथ पूरा कर लेगी।
इससे पहले बोलते हुए भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि वर्ष 2013 के लोकसभा में भाजपा मजबूत होना शुरू हुई थी और 2019 के चुनाव तक भाजपा सबसे बड़ा व सबसे मजबूत संगठन बन चुका है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय में राजनीतिक दलों में पलायन शुरू हो जाता है, लेकिन भाजपा राजनीतिक रूप में मजबूत हो रही है और विपक्षी दलों में भगदड़ मची हुई है।
अकाली दल के साथ बेहतर संबंध, हाई कमान करेगा फैसला
एनडीए के घटक शिरोमणि अकाली दल द्वारा हरियाणा में विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भाजपा के अकाली दल के साथ दशकों पुराने संबंध हैं। लोकसभा चुनाव में भी अकाली दल ने हरियाणा में भाजपा का सहयोग किया है और पंजाब में भाजपा द्वारा अकाली दल को सहयोग दिया जा रहा है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान पर कोई भी फैसला दोनों राजनीतिक दलों के शीर्ष नेतृत्व द्वारा किया जाएगा। भाजपा हाई कमान अकाली दल के संबंध में जो फैसला करेगी, वह हरियाणा को मंजूर होगा।