नई दिल्ली। भारत में कोरोना संक्रमण की व्यापकता का पता लगाने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के वैज्ञानिक लगातार टेस्टिंग कर रहे हैं. इस तरह की टेस्टिंग का एक उद्देश्य ये होता है कि हम समय रहते पता लगा पाएं कि भारत कोरोना संक्रमण के किस स्टेज में हैं. ऐसी ही एक रिपोर्ट गुरुवार को ICMR ने जारी की है. इस रिपोर्ट के लिए 5911 सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (SARI) मरीज़ों की जाँच कोरोना संक्रमण के लिए की गई. उनमें से 104 मरीज़ो में कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए गए हैं. यानी कुल 1.8 फ़ीसदी मामलों में संक्रमण मिला है. ये वो मरीज़ हैं जिनको सांस लेने संबंधी बीमारी थी. पॉज़िटिव पाए गए 104 मरीज़ों में से 40 मरीज़ ना तो विदेश से आए थे, और ना ही कोरोना संक्रमण वालों के कांटेक्ट में.

ये जाँच देश के 21 राज्यों के 52 ज़िलों में की गई थी. जिन लोगों के सैम्पल टेस्ट किए गए उनमें से ज़्यादातर पुरुष थे और 50 से अधिक उम्र के मरीज़ थे. चूंकि कोरोना संक्रमण के लक्षण SARI के मरीज़ से काफ़ी मिलते जुलते हैं. इसलिए इस जाँच में सरकार फ़िलहाल SARI के मरीज़ों को ही इस दायरे में रख रही है.

हालांकि ICMR ने अपने रिपोर्ट में ना तो कम्युनिटी ट्रांसमिशन का ज़िक्र किया है ना ही स्टेज 3 का, लेकिन रिपोर्ट के बाद ICMR का कहना है कि हॉटस्पॉट एरिया में अब टेस्टिंग को और बढ़ाने की ज़रूरत है. डॉ मनोज मुरहेकर के मुताबिक़, “इसका ये मतलब क़त्तई ना निकाला जाए कि हर जगह अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो गया है. ऐसे पॉज़िटिव मामले जहां भी हमें मिले हैं वो केवल उन जगहों पर हैं जिन्हें हम पहले से हॉटस्पॉट घोषित कर चुके हैं.” डॉ. मनोज के मुताबिक़ ऐसे मामले केवल 52 ज़िलों तक ही फ़िलहाल सीमित है. आने वाले दिनों में हॉटस्पॉट इलाक़ों में हमें ज़्यादा से ज़्यादा ऐसे मामले देखने को मिलेंगे, जहां कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ ऐसे होगें जिनकी ना तो विदेश की ट्रैवल हिस्ट्री होगी और ना ही ऐसे लोगों के संपर्क में आए होंगे. लेकिन वो फिर भी कोरोना संक्रमित होंगे. और कुछ ऐसा ही हमने अपनी नई स्टडी में पाया हैं.

ये स्टडी 15 फ़रवरी से 2 अप्रैल के बीच की गई है. इस दौरान 5911 लोगों के सैम्पल कलेक्ट किए गए, जिनमें से 104 लोगों को कोरोना संक्रमण पाया गया. ICMR आने वाले दिनों में ज़्यादा टेस्टिंग करने जा रहा है क्योंकि अब भारत में रैपिड टेस्टिंग को मंज़ूरी दे दी गई है. तो क्या ऐसा होने पर, स्टेज 3 में भारत के जाने का ख़तरा ज़्यादा बढ़ जाएगा? इस सवाल के जवाब में डॉ. मनोज कहते हैं, हमने पहले से ही ज़्यादा लोगों की टेस्टिंग शुरू कर दी है.

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