रांची। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सह राज्य सभा सांसद समीर उरांव ने राज्य की मौजूदा हेमंत सरकार पर रघुवर सरकार में शुरू हुई जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद करने की कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

उरांव ने शनिवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस वार्ता में कहा कि राज्य की जनता ने जेएमएम गठबंधन पर भरोसा किया और उन्हें सत्ता सौपी लेकिन सरकार ने जनता की इच्छा अकांक्षाओं पर पानी फेरते हुए दुर्भावनाओं से ग्रस्ति होकर एक के बाद एक भारतीय जनता पार्टी की सरकार में शुरू की गई जन कल्याणकारी योजनाओं को बंद करने पर उतारू है।

उन्होंने कहा कि किसानों के लिए कर्ज माफी का वायदा करके सत्ता में आई हेमंत सरकार ने किसानों को कर्जमुक्त और आत्मनिर्भर बनाने वाली कल्याणकारी योजना कृषि आशीर्वाद योजना को बंद करने का फैसला लिया है। ऐसा लगता है जैसे सरकार ने किसानों की बलि चढ़ाने का मन बना लिया है। कृषि आशीर्वाद योजना से राज्य के 35 लाख किसानों को सीधा लाभ मिल रहा था और वह कर्जदार के बजाय आत्मनिर्भर बन रहे थे। इस योजना के बन्द हो जाने से किसानों को एकबार फिर से महाजनों के गिरफ्त में जाने पर मजबूर कर दिया जाएगा। इसी प्रकार हेमंत सरकार ने डोभा योजना पर जांच के आदेश देकर रोक दिया और अब अखबारों के जरिए यह खबर मिल रही है कि यह सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लए चल रही एक रूपए में रजिस्ट्री योजना को बंद करने जा रही है जो दुर्भागयपूर्ण है।

उन्होंने ने कहा कि एक रुपये में रजिस्ट्री योजना एक सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि एक सामाजिक अभियान था जिससे महिलाओं के साथ-साथ एक परिवार भी सशक्त एवं स्वालंबी बन रहा था और हेमंत सरकार का ऐसे कार्यक्रम को बंद करना उनकी द्वेषपूर्ण मानसिकता को साफ दर्शाता है। उन्होंने कहा कि एक रुपये में जमीनध्मकान की रजिस्ट्री ने आज महिलाओं को संपत्ति की मालकिन बनायाए यही कारण है कि पिछले पाँच वर्षों में 80 फीसदी रजिस्ट्री महिलाओं के नाम पर हुई थी पर हेमंत सरकार सबकुछ जानते हुए भी सिर्फ भाजपा से उनके द्वेष के कारण ऐसी कल्याणकारी योजनाओं को बंद करने जा रही है। उरांव ने कहा कि भाजपा किसी भी जांच से नहीं डरती है। सरकार बेशक जांच करे लेकिन सरकार को ईमानदारी से सोरेन परिवार द्वारा राज्य के 7 जिलों में सीएनटी एसपीटी का उल्लंघन करके खरीदी हुई जमीनों की भी जांच भी होनी चाहिए।

प्रेस वार्ता में मौजूद राज्य के पूर्व महाअधिवक्ता और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अनिल सिन्ह ने कहा कि बड़े.बड़े वायदे और घोषणाएं करके सत्ता में आई हेमंत सरकार अब बहानेबाजी करने पर उतारू है और अपने वायदों को जमीन पर उतारने की क्षमता हेमंत सरकार में नहीं है। इसलिए खजाना खाली का बहाना करके जनता को दिग्भ्रमित कर रही है। उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग में वर्ष 2014 में हुए टेंडर की भी सरकार को जांच करानी चाहिए या फिर 2015 से कराकर सरकार अपनी दुराग्रह का परिचय दे रही है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के पिछले कार्यकाल में हुए बालू घोटाले की भी जांच होनी चाहिए।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जब विपक्ष में झारखंड मुक्ति मोर्चा थी तो उसके नेता हमेशा कहते थे कि जमीन मामलों की जाँच करने वाली एसआईटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए लेकिन सरकार बनते ही बदल गए हैं और अब उन्होंने एसआईटी की रिपोर्ट को ही दबा दिया है। यह साफ दिखाता है कि विपक्ष में उनके सुर कुछ और रहते हैं और सत्ता में आते ही उनके सुर बदल गए।

Show comments
Share.
Exit mobile version