नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि भारत आज उस मुकाम पर खड़ा है जहां कितना भी बड़ा साइक्लोन आ जाए हम उससे निपट सकते हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन हमारे देश के लिए कोई नई बात नही है। एनडीआरएफ ने देश में आपदा के समय लाखों लोगों की जान बचाई है।

यहां विज्ञान भवन में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) द्वारा आयोजित “ आपदा प्रतिक्रिया के लिए क्षमता निर्माण पर वार्षिक सम्मेलन-2022” को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि हम जब आपदा प्रबंधन की बात करते हैं तो आपदा प्रबंधन हमारे देश में कोई नई बात नहीं है। उत्तराखंड की पहाड़ियों से गंगा को बंगाल तक पहुंचाया गया है तो इससे पता चलता है कि यह कार्य वैज्ञानिक तरीके से ही पूरा किया गया है।

शाह ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2001 में गुजरात का भूकंप देखा है उसमें हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई। वर्ष 1999 के उड़ीसा के सूपर साइक्लोन को भी देखा जिसमें 10,000 से ज़्यादा लोगों की मृत्यु हुई थी, किंतु आज हम उस मुकाम पर खड़े हैं जहां कितना भी बड़ा साइक्लोन आ जाए उससे निपट सकते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि तकनीक और विज्ञान के कारण आज हमें आने वाली आपदा की सूचानाएं मिल जाती हैं, वैसी स्थिति नहीं है कि अचानक हमें जानकारी मिलती है। आज हमें समय के पहले सूचनाएं मिलती है। जिस प्रकार की आपदा आने वाली है वहां लोगों को सजग करने और आपदा से निपटने के लिए और कम से कम जानमाल के नुकसान को रोकने की तैयारी पहले से कर ली जाती है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा कि वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (एनडीएमपी) की शुरुआत की। केंद्र सरकार हर तरह की आपदा पर लगातार काम कर रही है। अब तक 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) का अच्छी तरह से गठन किया है।

शाह ने एनडीआरएफ को बधाई देते हुए कहा कि जब हमें किसी आपदा के दौरान एनडीआरएफ , एसडीआरएफ की तैनाती की जानकारी मिलती है तो हम अपनी आधी चिंताओं से स्वतः ही मुक्त हो जाते हैं।

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