नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को श्रीलंका के प्रधानमंत्री महेन्द्रा राजपक्षे के साथ द्विपक्षीय स्तर की वार्ता के बाद कहा कि दोनों देश आतंकवाद को एक बड़ा खतरा मानते हैं और इससे डटकर मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने ईस्टर के दिन श्रीलंका में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया और उसे पूरी मानवता पर हमला बताया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री महेन्द्रा राजपक्षे के साथ दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इसके बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त वक्तव्य के दौरान कहा कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को विशेष महत्व देता है। दोनों देशों के नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर व्यापक चर्चा की है।

उन्होंने कहा कि भारत के प्रमुख ट्रेनिंग संस्थानों में श्रीलंका के पुलिस अधिकारियों को आतंक विरोधी कार्रवाई से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा दोनों देशों की खुफिया एजेंसियां मिलकर काम करेंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान लोगों से लोगों के संपर्क, पर्यटन और यातायात संबंधित संपर्क को लेकर सहयोग पर सहमति बनी। उन्होंने कहा कि हाल ही में चेन्नई से जाफना के बीच सीधी हवाई यात्रा का संचालन होना इसका एक उदाहरण है।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री महेन्द्रा राजपक्षे का स्वागत किया। प्रधानमंत्री बनने के बाद यह राजपक्षे की पहली विदेश यात्रा है। दोनों देशों के नेताओं ने संबंधों के व्यापक कैनवास की समीक्षा के लिए व्यापक व गहन वार्ता की। दोनों नेताओं ने सुरक्षा, कनेक्टिविटी और कल्याण की हमारी साझा प्राथमिकताएं एजेंडा में सबसे ऊपर हैं।

श्रीलंका के राष्ट्रपति शुक्रवार शाम भारत की राजकीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचे थे। आज सुबह उन्होंने सबसे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि विकास, प्रगति और सुरक्षा के क्षेत्र में दोनों देश सहयोगी हैं। इसके बाद राजपक्षे का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। जहां से राजपक्षे महात्मा गांधी की स्माधी राजघाट गए और राष्ट्रपिता श्रद्धासुमन अर्पित किए।

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