नई दिल्ली। क्या यूपी के नेताओं के लिए मध्य प्रदेश के राज्यपाल का पद अशुभ है? लालजी टंडन की मौत के बाद से ये सवाल कई लोगों के मन में उठ रहा है। क्योंकि कई ऐसे उत्तर प्रदेश के नेता हैं जो कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल बनाए गए थे, लेकिन इन सभी नेताओं की मौत अपने कार्यकाल पूरा करने से पहले ही हो गई। वहीं अब इस सूची में मध्य प्रदेश के गर्वनर लालजी टंडन का भी नाम शामिल हो गया है और लालजी टंडन भी अपना पूरा कार्यकाल करने से पहले ही इस दुनिया से चले गए हैं।
रामप्रकाश गुप्ता
लालजी टंडन से पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रामप्रकाश गुप्ता भी मध्य प्रदेश के गवर्नर थे। रामप्रकाश गुप्ता एक साल तक मध्य प्रदेश के गवर्नर रहे थे। इन्हें 7 मई 2003 को मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। लेकिन कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इनका स्वर्गवास हो गया। इनका निधन एक मई 2004 को हुआ था।
रामनरेश यादव
इसी तरह से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामनरेश यादव भी मध्य प्रदेश के राज्यपाल बने थे। लेकिन इनका निधन भी कार्यकाल के दौरान हो गया था। इन्हें 8 सितंबर 2011 को इस पद के लिए नियुक्त किया गया था और इनका निधन साल 2016 में हुआ था। दरअसल दूसरे राज्यपाल की नियुक्ती ना होने के कारण ये कार्यवाहक राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाल रहे थे और इसी दौरान इनकी मृत्यु हो गई थी।
कार्यकाल से पहले ही हुआ लालजी टंडन का निधन
यूपी से मध्य प्रदेश के तीसरे राज्यपाल के तौर पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन को नियुक्त किया गया था। इन्हें 23 अगस्त 2018 को बिहार का राज्यपाल बनाया गया। लेकिन 20 जुलाई 2019 को इनकी बदली कर दी गई और इन्हें मध्य प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया। वहीं कल यानी 21 जुलाई को इनका निधन हो गया और ये भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि क्या यूपी के नेताओं के लिए मध्य प्रदेश के राज्यपाल का पद अशुभ है? क्योंकि यूपी के तीन नेताओं को मध्य प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था और इन तीनों नेताओं का निधन अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले ही हो गया।
लालजी टंडन
लालजी टंडन का जन्म साल 1935 में हुआ था और इनकी आयु 85 साल की थी। वहीं 9 अप्रैल को एक चैनल से बात करते हुए इन्होंने खुद बताया था कि वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं। लालजी टंडन ने कोरोना टेस्ट करवाया था और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। रिपोर्ट आने के बाद इन्होंने कहा था कि जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आई थी, तो चिंता जरूर थी। दरअसल मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य की टीम की मीटिंग राजभवन में हुई थी। जिसमें गवर्नर सहित राजभवन के अधिकारी शामिल हुए थे। बाद में मीटिंग में शामिल हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। जिसके बाद लालजी टंडन ने अपना कोरोना टेस्ट करवाया था।