इजराइल में नेफ्टाली बेनेट ने रविवार को प्रधानमंत्री के तौर पर देश की कमान संभाली है. इसके बाद ही विदेश मंत्री का कार्यभार संभालने वाले लैपिड ने भारत के साथ रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने की बात कही है.

इसपर विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बधाई संदेश

के जवाब में लैपिड ने ट्वीट किया, ‘मैं दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में साथ काम करने की उम्मीद करता हूं और आशा है जल्द ही इजरायल में आपका स्वागत करेंगे.’ जयशंकर ने इससे पहले एक ट्वीट कर अपने इजरायली समकक्ष को बधाई दी थी.

प्रधानमंत्री ने भी दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले नेफ्टाली बेनेट को बधाई दी थी और कहा था कि अगले साल कूटनीतिक संबंध बहाल होने के 30 वर्ष पूरे हो रहे हैं और वह उनसे मिलने और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए उत्सुक हैं.

नेफ्टाली बेनेट ने भी पीएम मोदी को शुक्रिया अदा करते हुए एक ट्वीट में लिखा, मैं दोनों लोकतांत्रिक देशों के अनोखे और गर्मजोशी से भरे रिश्ते को और आगे ले जाने के लिए आपके साथ काम करने के लिए उत्साहित हूं.

बता दे कि भारत-इजरायल के बीच 1990 के दशक से रिश्तों में बदलाव आने शुरू हुए. पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने 1992 में इजरायल के साथ भारत के राजनयिक रिश्ते कायम किए थे. इसके बाद से दोनों देशों में कई मोर्चों पर करीबी बढ़ती गई. लेकिन 2014 में दोनों देशों के रिश्तों तब बड़ा बदलाव आया नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला.

पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इजरायल जाने का जोखिम नहीं उठाया. पीएम मोदी के इजरायल दौरे से पहले एक धारणा यह थी कि अगर कोई भारतीय प्रधानमंत्री इजरायल के दौरे पर जाएगा तो अरब के इस्लामिक देशों में इसका गलत संदेश जाएगा. हालांकि, पीएम मोदी ने इसकी परवाह नहीं की और उन्होंने इजरायल का दौरा किया.

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