गुरुग्राम। जिला एवं सत्र न्यायधीश सुधीर परमार की अदालत ने शुक्रवार को गुरुग्राम के पूर्व अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश की पत्नी एवं बेटे की हत्या के दोषी को फांंसी की सजा सुनाई है। इससे पहले गुरुवार को अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपित गनर महिपाल को दोषी करार दिया था।

तीन न्यायधीशों ने की मामले की सुनवाई
इस मामले की तीन न्यायधीश सुनवाई कर चुके हैं। 9 जनवरी 2019 को आरोपित पुलिसकर्मी महीपाल पर तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायधीश आरके सौंधी की अदालत ने चार्ज फ्रेम किया था। पुलिस ने 81 गवाह बनाए थे, जिनमें से 64 गवाहों की गवाहियां अदालत में एक फरवरी से लेकर 7 दिसम्बर 2019 तक कराई गईं। इन गवाहों में दो चश्मदीद गवाहों के अलावा तीन न्यायधीशों ने भी गवाही दी।

जिला एवं सत्र न्यायधीश आरके सौंधी का तबादला होने के बाद उनके स्थान पर आए सत्र न्यायधीश एमएम धौंचक ने इस मामले में सुनवाई की। इसके बाद यह मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर परमार की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया। अदालत ने गुरुवार को आरोपित महिपाल को हत्या, साक्ष्यों को मिटाने और सर्विस रिवॉल्वर से गोलियां चलाकर दो लोगों की हत्या करने का दोषी करार दिया। आज शुक्रवार को अदालत ने उसी दोषी महिपाल को फांसी की सजा सुनाई है।

उल्लेखनीय है कि 13 अक्टूबर 2018 को गुरुग्राम के जज कृष्णकांत की पत्नी रितु और बेटे ध्रुव को उनके गनमैन ने उस समय गोली मार दी थी, जब वे सेक्टर-49 की आर्केडिया मार्केट में खरीददारी करने गए थे। पत्नी ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था, जबकि बेटे ध्रुव की कुछ दिन बाद अस्पताल में मौत हुई थी।

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