चंडीगढ़ : हरियाणा के जींद में पुलिस ने पिछले चार सालों में अपने पांच बच्चों की हत्या का जुर्म कबूलने के बाद 38 साल के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारी के अनुसार गिरफ्तार व्यक्ति जुम्मा एक मजदूर है . वह जींद के सफीदों गांव का रहने वाला है. फिलहाल उसकी पत्नी छठी बार गर्भवती है.
पुलिस के मुताबिक 20 जुलाई को दीदवारा गांव में जुम्मा घर के करीब हांसी-बुटाना लिंक नहर में उसकी ग्यारह और सात साल की दो बेटियों के शव मिले थे. जुम्मा ने पांच दिन पहले ही पुलिस में दोनों की गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करायी थी. जींद के सहायक पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जुम्मा जांच के दौरान अपना बयान बदलता रहा, जिससे संदेह पैदा हुआ.
हालांकि पुलिस ने यह सोचते हुए उससे कड़ी पूछताछ नहीं की कि वह अपने बच्चों की मौत से मानसिक दबाव में है. शेखावत ने बताया कि बाद में ग्राम पंचायत भी मामले की जांच में शामिल हुई और जुम्मा ने उसके एवं पुलिस के सामने कबूला कि उसने ही अपने पांच बच्चों की जान ली. उसने यह भी कहा कि अपनी दो नाबालिग बेटियों को कुछ दिन पहले उसने दवा खिलाकर नहर में फेंक दिया.
अधिकारी ने कहा, ‘‘ हमने उसे बृहस्पतिवार शाम को गिरफ्तार कर लिया और उसे हत्या का आरोपी बनाया गया है.” इससे पहले जुम्मा के 11 साल से कम उम्र के तीन अन्य बच्चे भी रहस्यमय स्थिति में मर गये. उस वक्त उसने अपने पड़ोसियों से कहा था कि उसका एक बेटा नींद में मर गया, एक बेटी की खेलते हुए मौत हो गयी, जबकि एक अन्य बेटा को उल्टी आयी और उसकी जान चली गयी.
शेखावत ने कहा, ‘‘ उसने अब कबूला है कि उसने ही उन तीन बच्चों की भी हत्या कर थी. दो को उसने गला दबाकर मार डाला था जबकि तीसरे को जहर की गोली खिला दी थी.” उन्होंने बताया कि हाल ही में जुम्मा ने अपनी दो बेटियों को कुछ जहरीली चीज खिलाकर बेहोश होने पर उन्हें नहर में फेंक दिया था तथा उसने अपनी पत्नी को भी थोड़ा सा खिलाया था.
उन्होंने कहा, ‘‘ उसने पिछले कुछ समय से उसने अपनी गर्भवती पत्नी को नींद की दवा देकर बेहोश कर रखा है. ” जब पुलिस अधिकारी से पूछा गया कि क्या जुम्मा ने किसी तांत्रिक के कहने पर तो ऐसा नहीं किया, तो उन्होंने कहा कि समझा जाता है कि उसने गांववालों के सामने ऐसा कुछ कहा तो है लेकिन उसने अबतक पुलिस के सामने ऐसा बयान नहीं दिया है. शेखावत ने कहा कि पुलिस आरेापी से और पूछताछ करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की मदद लेगी और यह पता लगाएगी कि उसने किस वजह से अपने ही बच्चों की जान ली.