नई दिल्ली। कई लोग ये बात जानते हैं कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती रहती है और अपने हर चक्कर को हर 23 घंटे 56 मिनट और 4.1 सेकंड में पूरा करती है. इससे धरती के एक हिस्से पर दिन और दूसरे हिस्से में रात होती है. लेकिन क्या होगा अगर पृथ्वी एक सेकेंड के लिए घूमना बंद कर दे? अमेरिका के मशहूर एस्ट्रोफिजिस्ट ने इस मामले में अपनी राय दी है.

 

अमेरिका के एस्ट्रोफिजिस्ट नील टायसन(Neil deGrasse Tyson) ने इस मामले में टीवी और रेडियो पर्सनैलिटी लैरी किंग के साथ बात की. टायसन ने बताया कि अगर पृथ्वी एक सेकेंड के लिए भी अपनी धुरी पर घूमना बंद कर देती है तो इससे पृथ्वी पर हालात बेहद भयावह होंगे. हम सभी पृथ्वी के साथ ही पूर्व की दिशा में घूम रहे हैं और महज एक सेकेंड में पृथ्वी पर भयावह हालात बन सकते हैं.

 

उन्होंने आगे कहा कि पृथ्वी दरअसल 800 मील प्रति घंटे की रफ्तार से अपनी धुरी पर घूम रही है और हम सब भी धरती के साथ घूम रहे हैं. वो अलग बात है कि हमें इसका अंदाजा नहीं होता है. इस बात की काफी अधिक आशंका है कि इस घटना के चलते धरती पर मौजूद सभी लोग अपनी जान गंवा सकते हैं.

 

उन्होंने आगे कहा कि लोग अपनी खिड़कियों से उछलते हुए नीचे गिर रहे होंगे. ये काफी भयावह होगा. टायसन के अनुसार, ये कुछ ऐसा ही होगा जैसे किसी का कार एक्सीडेंट हो जाए. अगर बेहद तेज गति से चलती हुई कार का एक्सीडेंट हो जाए तो इस कार में बैठे वो सभी लोग जिन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाई है, वो सभी लोग अपनी सीटों से उछलकर दूर जा गिरेंगे.

 

गौरतलब है कि टायसन इससे पहले भी अपने कई ट्वीट्स के चलते चर्चा में रह चुके हैं. उन्होंने एमेजॉन के फाउंडर जेफ बेजोस की संपत्ति को लेकर बयान दिया था और कहा था कि उनकी 200 बिलियन डॉलर्स की संपत्ति से पृथ्वी का 180 बार चक्कर लगाया जा सकता है. यही नहीं इससे पृथ्वी और चांद पर भी 30 बार आया-जाया जा सकता है.

 

उन्होंने इसके अलावा ये दावा भी किया था कि मशहूर बिजनेसमैन रिचर्ड ब्रैनसन ने स्पेस की यात्रा नहीं की है. उन्होंने कहा था कि वे सब-ऑर्बिटल में गए थे. नासा 60 साल पहले एलन शेपर्ड नाम के यात्री को इस जगह भेज चुका है. ये स्पेस नहीं है लेकिन अगर आप इसे स्पेस कहना चाहते हैं तो मुझे कोई परेशानी नहीं है.

 

उन्होंने आगे कहा था कि इस बात में कोई दो राय नहीं है कि रिचर्ड जहां तक पहुंचे हैं, वहां तक आम इंसान अब तक नहीं पहुंच पाया है. मुझे लगता है कि वे जितनी दूरी पर गए हैं, उससे धरती का एक अच्छा व्यू मिल सकता है लेकिन उसे अंतरिक्ष कह देना गलती होगी.

 

गौरतलब है कि टायसन जब 9 साल के थे तब अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नैचुरल हिस्ट्री जाने के बाद उनकी खगोल-विज्ञान में दिलचस्पी काफी बढ़ गई थी. टायसन ने इसके बाद साल 1980 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन और साल 1983 में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास से एस्ट्रोनॉमी में मास्टर्स डिग्री हासिल की थी.

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