नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडेरिकसन के साथ वर्चुअल समिट में हिस्सा ले रहे हैं।

इशारों में चीन पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरेाना वायरस ने दिखाया है कि किसी एक स्रोत पर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की अधिक निर्भरता जोखिम भरा है। हम जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण और लचीलापन के लिए काम कर रहे हैं। अन्य समान विचारधारा वाले देश इस प्रयास में शामिल हो सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि मैं आपको अपनी शादी की बधाई देता हूं। उन्‍होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि जल्द ही कोरेाना वायरस की स्थिति सुधरने के बाद हमें आपके और आपके परिवार का भारत में स्वागत करने का मौका मिलेगा। मुझे यकीन है कि आपकी बेटी को फिर से भारत आने के लिए उत्सुक होना चाहिए।

डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिकसेन ने कहा कि मेरे परिवार को बधाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। मेरी बेटी एक बार फिर भारत आना पसंद करेगी और मेरे परिवार का भी यही कहना है।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, द्विपक्षीय समिट (External Affairs Ministry) से दोनों देशों के बीच परस्पर संबंध को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

भारत व डेनमार्क के बीच 400 साल पुराना ऐतिहासिक और करीब 70 साल पुराना राजनयिक संबंध है। करीब 5 हजार भारतीय पेशेवर डेनमार्क की दिग्गज कंपनियों में काम कर रहे हैं । साथ ही वहां दशकों से 20 भारतीय आइटी कंपनियां मौजूद हैं।

MEA के अनुसार, दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध का ऐतिहासिक लिंक, लोकतांत्रिक परंपराओं में समानता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और स्थिरता की साझा इच्छा पर आधारित हैं। भारत-डेनमार्क के बीच वर्चुअल मीटिंग के दो अहम मुद्दे हैं- पहला दो देशों के बीच बौद्धिक संपदा सहयोग के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर और दूसरा अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होना।

Show comments
Share.
Exit mobile version