उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मकानों के यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर की शुरुआत हो चुकी है. आधार कार्ड की तरह मकानों को भी यूनिक आईडी जारी की जा रही है. अंतर सिर्फ इतना है कि आधार कार्ड में यूआईडी अंकों की संख्या 12 होती है और मकानों की यूआईडी की संख्या में 17 अंक होंगे. मकानों का ये यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर आधार कार्ड की तरह सभी जगहों पर पहचान के तौर पर मान्य होगा.

मकानों के लिये जारी किये जाने वाले यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर की पहली दो संख्या में स्टेट कोड, फिर दो नंबर जिले के कोड, उसके आगे के दो नंबर यूएलबी कोड यानी नगर निगम, नगर पालिका या नगर पंचायत कोड, फिर जोन कोड आगे के 2 अंक वार्ड के कोड, फिर मोहल्ला कोड और अंत में हाउस कैटेगरी क्या है, जैसे रेजिडेंशियल के लिए R, नॉन रेजिडेंशियल के लिए N और मिश्रित संपत्ति के लिए M कोड का इस्तेमाल होगा.

वाराणसी नगर निगम में तीन माह पहले आए शासनादेश के बाद ये बड़ी पहल शुरू कर दी है. अब तक 39 भवनों का यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी कर दिया गया है. वाराणसी की बात करें, तो यहां कुल भवनों की संख्या 2 लाख 72 हजार है. अधिकारियों ने बताया कि भवनों की ये यूआईडी आधार की तरह सभी जगहों पर पहचान के तौर पर मान्य होगी और सभी विभाग इसी यूआईडी को फाॅलो करेंगे.

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