नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से भारत को जानने के लिए हुनर हाट जैसे आयोजनों में शामिल होने का आह्वान करते हुए कहा कि हुनर हाट में भाग लेने वाले कारीगरों में 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में इसके के माध्यम से लगभग तीन लाख कारीगरों, शिल्पकारों को रोजगार के अवसर मिले हैं।

प्रधानमंत्री ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में पिछले दिनों दिल्ली में अपनी हुनर हाट यात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि यह कला के प्रदर्शन के लिए एक मंच तो है ही साथ-ही यह लोगों के सपनों को भी पंख दे रहा है। यहां पर देश की कला और संस्कृति से जुड़ने का अवसर मिलता है। एक छोटी से स्थान पर उन्हें देश की विशालता, संस्कृति, परम्पराओं, खानपान और जज्बातों की विविधताओं के दर्शन किये।

हुनर हाट में एक दिव्यांग महिला से बातचीत का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि पहले वो फुटपाथ पर अपनी पेंटिंग बेचती थी। लेकिन हुनर हाट से जुड़ने के बाद उनका जीवन बदल गया। आज वो ना केवल आत्मनिर्भर है बल्कि उन्होंने खुद का एक घर भी खरीद लिया है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने हुनर हाट में बिहार के प्रसिद्ध व्यंजन लिट्टी-चोखा का आनंद लिया। उन्होंने कहा कि वहां एक ही लाइन में इडली-डोसा, छोले-भटूरे, दाल-बाटी, खमन-खांडवी, ना जाने क्या-क्या था।

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