नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित तीन दिवसीय जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें महाअधिवेशन के दूसरे दिन जमीयत अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने आरएसएस और भाजपा को सभी गिले-शिकवे भुलाकर गले लगने का न्योता दिया। अपने संबोधन में मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि आरएसएस और भाजपा से हमारा कोई धार्मिक मतभेद नहीं है। हमारी नजर में हिन्दू और मुसलमान बराबर हैं। हम इंसानों के बीच कोई फर्क नहीं करते हैं। जमीयत की पॉलिसी में भारत के तमाम शहरी बराबर हैं। इनके बीच भेदभाव नहीं होना चाहिए। मौलाना ने साफ शब्दों में कहा कि हम आरएसएस और उसके सरसंघचालक को न्यौता देते हैं कि आपसी भेदभाव भूलकर एक दूसरे को गले लगाकर भारत को दुनिया का सबसे शक्तिशाली मुल्क बनाएं। इसके साथ उन्होंने आगे कहा कि हमें सनातन धर्म की तरक्की से कोई शिकायत नहीं है और न ही आपको इस्लाम की तरक्की से कोई शिकायत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व की गलत परिभाषा देकर आक्रामक प्रचार किया जा रहा है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद अध्यक्ष ने इस मौके पर मोदी सरकार की विदेश नीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में एनडीआरएफ टीम और राहत सामग्री भेजना प्रधानमंत्री मोदी का स्वागतयोग्य कदम है। पड़ोसी देशों से भी हमारे संबंध अच्छे हैं। बंगलादेश और अफगानिस्तान इसके बेहतरीन उदाहरण हैं। उन्होंने इस मौके पर तुर्किये और सीरिया में आए भयावह भूकंप के पीड़ितों की मदद के लिए जमीयत की तरफ से एक करोड़ रुपये की मदद देने की भी घोषणा की। साथ ही उन्होंने सरकार से राहत सामग्री और वहां पर जाकर राहत बचाव कार्य में मदद करने के इच्छुक लोगों के लिए एकल खिड़की स्थापित करने की मांग रखी है। महमूद मदनी ने देश की अर्थव्यवस्था पर भी अपनी बात रखते हुए कहा कि हम विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। उन्होंने कहा कि देशवासियों के बीच से नफरत को दूर करने और एक दूसरे को करीब लाने के लिए केवल बातचीत ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि एक ऐसे मंच की आवश्यकता अत्यधिक लग रही है, जहां विभिन्न संप्रदाय और समुदायों के लोग सामाजिक स्तर पर एक दूसरे के साथ मेलजोल कर सकें। इस मौके पर कई दीगर महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी पारित किए गए, जिनमें लड़कियों की शिक्षा के लिए अलग से शिक्षण संस्थान खोलने और कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर प्रस्ताव महत्वपूर्ण रहे।
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