यूपी। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक मां ही अपने बच्चे के खून की प्यासी हो गई. उसने अपने बच्चे को चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया. इसके बाद पिता ने कूदकर एक साल के बच्चे की जान बचाई. बच्चा गिरकर करीब 100 मीटर पीछे चला गया. फिलहाल बच्चे की हालत ठीक है.
ये दिल दहलाने वाली घटना यमुनापार के छिवकी जंक्शन पर हुई. मौके पर आरपीएफ और जीआरपी दोनों ही मौजूद थी. उन्होंने पिता के साथ उसके बच्चे को नजदीक के अस्पताल पहुंचाया. डॉक्टरों ने बच्चे का प्राथमिक उपचार किया. इस वक्त बच्चे की हालत खतरे से बाहर है.
प्रयागराज मंडल के छिवकी जंक्शन से गुरुवार की सुबह 7.43 बजे जनता एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या: 03201) मुंबई की तरफ जा रही थी, जिसमें चुनार, मिर्जापुर से कोच संख्या B2 में सीट संख्या 41 और 42 पर पति शिवम सिंह और पत्नी अंशु सिंह अपने एक साल के मासूम को लेकर चुनार से मुंबई जा रहे थे.
शिवम सिंह मुंबई में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है. कोरोना के वक्त वो घर आ गया था, फिर वो वापस मुम्बई जा रहा था. ट्रेन में बच्चा बार-बार रो रहा था.
पति ने पत्नी से बच्चे को चुप कराने के लिए दूध पिलाने के लिए कहा. विवाद बढ़ता गया और फिर मां ने मासूम को अचानक चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया. ट्रेन की रफ्तार बहुत अधिक नहीं थी.
ये देख कर सभी भौचक्के रह गए. बच्चे को बचाने के लिए उसका पिता चलती ट्रेन से नीचे कूद गया और करीब 100 मीटर दौड़ कर बच्चे को उठा लिया. गनीमत रही कि उस वक्त कोई दूसरी ट्रेन नहीं आ रही थी, जिससे दोनों की जान बच गई.
छिवकी आरपीएफ इंस्पेक्टर जीएस उपाध्याय ने बताया कि पारिवारिक मामला होने के कारण जीआरपी और आरपीएफ ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है, लेकिन बच्चा खतरे से बाहर है. लोगों के मुताबिक, महिला की दिमागी हालत ठीक नहीं थी.
इस घटना के बाद पिता अपने बच्चे को लेकर घर चला आया है. वहीं मां की इस हरकत पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. हालांकि, उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं बताई जा रही है. फिलहाल यह घटना चर्चा का विषय बन गई है.