नई दिल्ली। आमतौर पर मरघट और कब्रिस्तान शहर, गांव और बस्ती से दूर होते हैं. जहां लोग तभी जाते हैं जब किसी की मौत हो जाती है.
लेकिन मध्य प्रदेश के पन्ना शहर से दो किलोमीटर दूर चांदमरी एक ऐसी बस्ती है जहां की महिलाएं और बच्चे रोजाना कई बार कब्रिस्तान पानी भरने के लिए आते-जाते हैं. इसकी खास वजह कब्रिस्तान में स्थित एक प्राचीन कुआं है. जो 60-70 घरों वाली इस बस्ती के लोगों की प्यास बुझाने का वर्षों से सहारा बना हुआ है.
ये वही गांव है जहां 10 दिनों के अंदर तीन मासूम बच्चों की रहस्यमयी मौत हो चुकी है और 14 बच्चे बीमार पड़े हुए हैं.
यह पूरा मामला प्रदेश के खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह के विधानसभा का है. साथ ही मध्य प्रदेश के सबसे दिग्गज सांसद और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के क्षेत्र का भी है.
बताया गया है कि पानी भरने के लिए बस्ती के लोग कब्रिस्तान के बीचो बीच स्थित प्राचीन कुएं तक जाते हैं और इसी कुएं का पानी पीने के लिए उपयोग करते हैं.
वहीं बस्ती के पास ही एक छोटी सी तलैया है जहां मटमैला पानी भरा हुआ है. यहां पर बस्ती की महिलाएं और बच्चे नहाते-धोते हैं. इस बस्ती तक पहुंचने के लिए दोनों तरफ झाड़ियों से घिरा कच्चा मार्ग है जहां पर बारिश के मौसम में पहुंचना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं.
आदिवासी बस्ती चांदमारी बीते एक सप्ताह से चर्चा में है. इस बस्ती में बीते 10 दिनों के दरमियान किसी रहस्यमय बीमारी के चलते 3 बच्चों की संदिग्ध मौत हो चुकी है और कई बच्चे बीमार हैं.
बच्चों की मौत क्यों और किस बीमारी के कारण हुई यह रहस्य अभी भी बरकरार है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों की मौत और बीमारी का कारण दूषित पानी बताया जा रहा है.
लेकिन कब्रिस्तान के बीचो बीच स्थित प्राचीन कुएं के पानी का उपयोग करना इन गांव वालों की मजबूरी इसलिए बनी हुई है क्योंकि सरकार की नलजल योजना इस गांव तक नहीं पहुंच पाई है.
इस मामले में जब पन्ना कलेक्टर से बात की गई तो उनके द्वारा पानी की व्यवस्था के लिए हैंडपंप लगवाने के साथ साथ गांव में स्वास्थ्य शिविर लगवाने की बात कहकर पल्ला झाड़ने का प्रयास रहा.
उन्होंने कहा कि पीने के पानी के लिए जो कुछ है उसकी जांच कराई गई है. गांव में पहले दो-तीन बच्चों बीमार पड़े थे. उनकी स्वास्थ्य विभाग और महिला बल विकास की टीम ने जांच की है. बच्चों का कोरोना टेस्ट भी कराया गया है जो निगेटिव आया है. सर्दी जुकाम के पेशेंट सामने आए हैं, उन्हें दवाइयां दी गई हैं