नई दिल्ली। बदरीनाथ धाम में मुस्लिम मजदूरों द्वारा बकरीद के दिन कथित रूप से नमाज पढ़े जाने के मामले में चमोली पुलिस ने सफाई दी है. चमोली पुलिस ने बदरीनाथ धाम में नमाज पढ़े जाने की खबरों को गलत, बेबुनियाद और भ्रामक बताया है. 

चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने कहा कि बदरीनाथ में एक पार्किंग बन रही है जो मंदिर से एक किलोमीटर पहले हैं. इस पार्किंग निर्माण का काम नरेंद्र पंवार नाम का ठेकेदार करवा रहा है. इस ठेकेदार ने काम करने के लिए मुस्लिम मजदूरों को बुलाया है.

पुलिस के अनुसार, ऐसे 15 मजदूरों ने 21 जुलाई को 7 बजे सुबह बंद कमरे में, बिना लाउडस्पीकर के और मौलवी की अनुपस्थिति में नमाज पढ़ी. लेकिन इस दौरान किसी तरह का आयोजन नहीं हुआ था. 

हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि नमाज पढ़े जाने को लेकर कोई प्रमाण नहीं है, और न ही कोई तस्वीर है. पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने कहा कि ये मजदूर इसी निर्माणाधीन पार्किंग में रहते हैं. 

पुलिस के अनुसार, इस मामले में सोशल मीडिया में अफवाहें फैलाई जा रही हैं और लोग बिना पुष्टि किए गलत जानकारियां शेयर कर रहे हैं जो कि गलत है. उन्होंने कहा कि चमोली पुलिस का लोगों से निवेदन है कि कृपया बिना तथ्यों की पुष्टि किये कोई भी भ्रामक खबर साझा ना करें.

पुलिस के अनुसार चूंकि स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया था कि वहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, इसलिए पुलिस ने इस मामले में डीएम एक्ट में मुकदमा भी लिख दिया है. इसकी विवेचना जारी है और अगर कुछ सबूत सामने आते हैं तो इस पर कार्रवाई की जाएगी.

बदरीनाथ धाम में मास्टरप्लान का काम

बता दें कि बदरीनाथ धाम में इन दिनों मास्टरप्लान का कार्य तेजी से चल रहा है. यहां सैकड़ों मजदूर यहां प्रसाशन की अनुमति के बाद काम करने के लिए आए हैं. आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के मजदूरों ने बकरीद के दिन तथाकथित तौर पर नमाज पढ़ी है.

इस विवाद से जुड़ा पोस्ट और इसकी जानकारी देने वाला वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई थी और इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी.

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