नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने सात साल से फरार नक्सली कमांडर को गिरफ्तार किया है। ‘पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएलएफआई) का कमांडर दिल्ली से सटे हरियाणा और पंजाब की सीमा पर भेष बदलकर छिपा हुआ था। पकड़े गए आरोपित की पहचान अनुराग राम उर्फ अनुराग सदलोहार उर्फ ढलबीर उर्फ हागा उर्फ कुंदन के रूप में हुई है। 26 मई 2014 को आरोपित अपने तीन अन्य साथियों के साथ छत्तीसगढ़ की जैशपुर अदालत के लॉकअप से फरार हो गया था। तभी से पुलिस को उसकी तलाश थी।

छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड पुलिस भी उसकी तलाश में जुटी थी। आरोपित के खिलाफ सात आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। दिल्ली पुलिस ने झारखंड और छत्तीसगढ़ पुलिस को उसकी गिरफ्तारी की सूचना दी है।

अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त राजेश देव ने शनिवार को बताया कि काफी समय से उनकी टीम नक्सली कमांडर के बारे में जानकारी जुटा रही थी। उनकी टीम को सूचना मिली थी कि नक्सली कमांडर दिल्ली में कहीं छिपा हुआ है। इस दौरान शक्रवार को इंस्पेक्टर नरेश सोलंकी, एसआई कृष्ण कुमार, चंदन कुमार और अन्य टीम को सूचना मिली कि आरोपित धौलाकुआं बस स्टैंड के पास आने वाला है। इसके बाद टीम ने जाल बिछाकर वहां से उसे दबोच लिया।

पूछताछ के दौरान आरोपित ने बताया कि वह वर्ष 2012 में नक्सली गिरोह पीएलएफआई के लोगों के संपर्क में आया था। उन्होंने उसे हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी। सबसे पहले उसने अपने गांव में एक युवक पर गोली चलाई। चंदन की उस समय से रंजिश थी। इसके बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर रंगदारी वसूलनी शुरू कर दी। इसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने उसे दबोच लिया। मई 2014 में लॉकअप की दीवार तोड़कर वह फरार हो गया। वह वहां से भागकर दिल्ली की सीमा पर हरियाणा में आ गया। वहां वह भेष बदलकर रहने लगा। यहां वह छोटा-मोटा काम कर अपना गुजारा कर रहा था। पूछताछ के दौरान आरोपित ने बताया कि जब उसने नक्सली ग्रुप ज्वाइन किया, तब उसे एसएलआर बंदूक दी गई थी।

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