पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पवन वर्मा को कड़े शब्दों में जवाब देते हुए कहा है कि जहां मर्जी है वो जाएं, मेरी शुभकामना उनके साथ है। पवन वर्मा द्वारा लिखी गई चिट्ठी का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पवन वर्मा का वक्तव्य पार्टी का वक्तव्य नहीं है। वे विद्वान व्यक्ति हैं, मैं उनकी इज्जत करता हूं, भले ही वो हम लोगों की इज्जत न करें। ये उनका अपना निर्णय है, जहां जाना हो वहां वो जाएं, हमको इस पर कोई ऐतराज नहीं है। नीतीश कुमार नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के अवसर पर गुरुवार को पटना में उनकी आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
पत्रकारों द्वारा पवन वर्मा से संबंधित पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि ये उनका वक्तव्य है, पार्टी का वक्तव्य नहीं है। नीतीश कुमार ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड को अच्छी तरह समझने की कोशिश कीजिए। कुछ लोगों के बयान से जनता दल यूनाइटेड को मत देखिए। जनता दल यूनाइटेड, जनता के साथ काम करती है। हम लोगों का स्टैंड साफ होता है, किसी तरह का कन्फ्यूजन नहीं होता है। अगर किसी के मन में कोई बात है तो विमर्श करना चाहिए। जरूरी समझें तो पार्टी की बैठक में बातचीत करनी चाहिए और इस तरह का वक्ततव्य देने का कोई मतलब नहीं है। मुझे फिर भी उनके प्रति सम्मान है और इज्जत का भाव है, उन्हें जहां अच्छा लगे वहां जाएं मेरी शुभकामना है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में जदयू का भाजपा के साथ गठबंधन पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन वर्मा को नागवार गुजरा है। उन्होंने इस फैसले को लेकर पार्टी के अध्यक्ष नीतीश कुमार की चिट्ठी लिख दी थी। इसमें उन्होंने भाजपा, नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर देशभर में गुस्से के माहौल पर अपनी राय रखी थी। दरअसल पवन वर्मा ने पार्टी के विचारधारा के आधार पर नीतीश कुमार से सफाई तक की मांग कर दी है। ऐसा लग रहा है कि नीतीश कुमार की लगातार चुप्पी से पवन वर्मा अब बेचैन हो गए हैं। उन्होंने चिट्ठी में नीतीश कुमार से साल 2017 के बाद हुई एक निजी बातचीत का भी जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि किस तरह से नीतीश कुमार ने भाजपा को लेकर आशंका जताई है। पवन कुमार ने लिखा, “आपने कहा था कि किस तरह से भाजपा के वर्तमान नेतृत्व ने उन्हें अपमानित किया है और आपने कहा कि भाजपा भारत को एक खतरनाक जगह लेकर जा रही है, संस्थानों को खत्म कर रही है। अब जरूरत है कि एक लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष ताकत का गठन किया जाए। यहां तक कि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को भी यह जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।”
हालांकि उनकी इस चिट्ठी के बाद जदयू (जनता दल यूनाइटेड) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने इस पर कहा कि पार्टी प्रशांत किशोर व पवन वर्मा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकती है। वशिष्ठ नारायण सिंह ने यह तो कहा कि वे कार्रवाई की सिफारिश अगली बैठक में करेंगे। आगे उन्होंने यह भी कहा उन लोगों ने कहीं जाने का मन बना लिया है तो वे स्वतंत्र हैं।