नई दिल्ली: सरकारी बैंकों में नौकरी से जुड़े एक नियम में बड़ा बदलाव हुआ है। अभी तक पीएसयू बैंक में काम करने वाला कोई कर्मचारी यदि काल कलवित हो जाता था तो उनके शादीशुदा बेटे को नौकरी नहीं मिलती थी। लेकिन अब ऐसा हो सकेगा। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इससे जुड़े नियमों में तब्दीली कर आदेश निकाल दिया है। यह आदेश सभी पब्लिक सेक्टर बैंक या सरकारी बैंकों में लागू होगा। बैंक के यूनियन इस बात का काफी पहले से मांग कर रहे थे कि किसी स्टाफ के निधन होने पर जो अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिलती है, उसमें परिवर्तन हो। बैंक स्टाफ का निधन होने पर अभी तक सिर्फ अविवाहित बेटे को ही नौकरी मिलती थी। यदि किसी कर्मचारी के बेटे की शादी हो गई हो तो वह अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए अयोग्य माने जाते थे। यूनियन ने इस नियम को बदलने की मांग इंडियन बैंक एसोसिएशन के पास की थी। एसोसिएशन के प्रस्ताव पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट आफ फाइनेंशियल सर्विस ने हरी झंडी दिखा दी।

पिछले दिनों इस बारे में एक पत्र जारी कर इस बारे में सभी बैंकों केा निर्देश भी दे दिया है। सरकारी सेवकों से जुड़े नियमों में अनुकंपा के आधार पर नौकरी का प्रावधान है। इन नियमों के मुताबिक यदि किसी सरकारी कर्मचारी का निधन सेवा के दौरान ही हो जाता है तो उन पर आश्रित किसी एक व्यक्ति को नौकरी देने का प्रावधान है। आश्रितों की एक सूची बनी हुई है जिनमें स्पाउस, पुत्र या पुत्री आदि शामिल हैं। लेकिन दिक्कत इस बात पर थी कि इस सूची में पुत्र की शादी हो जाने पर उन्हें आयोग्य करार दे दिया गया था। अब इसे दूर कर दिया गया है।

इंडियन बैंक एसोसिएशन या आइबीए की ओर से भी इस दिशा में लंबे समय से प्रयास हो रहा था। इसी क्रम में आइबीए ने 20 जून 2022 को बैंकों में अनुकंपा आधार पर विवाहित पुत्रों को भी नौकरी दिए जाने पर अनापत्ति मांगा था। जिस पर डिपार्टमेंट आफ फाइनेंशियल सर्विसेज ने विचार करते हुए हरी झंडी दे दी। आदेश के तहत अब विवाहित पुत्रों को भी बैंकों में अनुकंपा आधार पर नौकरी मिल सकेगी। यह आदेश पब्लिक सेक्टर बैंक सभी सरकारी बैंकों में लागू होगा। आइबीए के इस प्रयास और वित्त मंत्रालय के आदेश पर बैंक कर्मियों ने खुशी जाहिर की है।

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