नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा ‘फादर ऑफ इंडिया’ कहे जाने के बाद राजनीतिक हलकों से लेकर सोशल मीडिया तक में व्यापक प्रतिक्रिया हुई है। बहुत से लोगों ने ट्रम्प के कथन को भारत की विरासत और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान बताया है।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असद्दुदीन औवेसी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘फादर ऑफ इंडिया’ कहकर देश की विरासत का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि ट्रम्प एक अनपढ़ (कम जानकार) व्यक्ति हैं, जिन्हें भारत के इतिहास की कोई जानकारी नहीं है।

औवेसी ने कहा कि मोदी को ‘फादर ऑफ इंडिया’ कहना गलत है, क्योंकि उनकी तुलना महात्मा गांधी से नहीं की जा सकती। महात्मा गांधी की तुलना नेहरू और पटेल से भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बात वह प्रधानमन्त्री के विवेक पर छोड़ देते हैं कि वह ट्रम्प के कथन को स्वीकार करते हैं या नहीं। ओबैसी ने इस सम्बन्ध में मोदी से स्वयं स्पष्टीकरण देने का आग्रह किया है। औवेसी ने कहा कि कुछ सीमा तक मोदी की तुलना अमेरिकी रॉक स्टार एल्विस प्रेस्ली से करना सही है। दोनों में एक समानता है, प्रेस्ली अपने गीत गायन और मोदी अपने भाषण से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।

ओवैसी ने इस प्रकरण में केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह के बयान की तीखी आलोचना की है। जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति इस तरह की बात करते हैं तो सभी भारतीयों को इस पर गर्व करना चाहिए। पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अमेरिकी राष्ट्रपति ने ‘फादर ऑफ इंडिया’ जैसे शब्दों से सराहना की है। अगर किसी भारतीय को इस पर गर्व नहीं होता है तो उन्हें लगता है कि वह व्यक्ति स्वयं को भारतीय नहीं मानता।

कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी ने कहा है कि भारत के लोग ज्ञानवान, विवेकशील और समझदार हैं। वे जानते हैं कि उनका फादर ऑफ नेशन कौन है। उनको बाहर का कोई नेता नहीं समझा सकता। फादर ऑफ नेशन एक ही व्यक्ति हो सकता है। अहिंसा, मानवता, करुणा, प्रेम, विश्व बंधुत्व को मानता हो। इसके लिए महात्मा गांधी सबसे उपयुक्त हैं और हम सबके फादर ऑफ नेशन हैं। वो भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में पूजनीय हैं।

ट्रम्प का यह बयान ट्वीटर पर भी ट्रेंड कर रहा है। कांग्रेस नेता संजय झा का कहना है कि यह पहली बार नहीं जब प्रधानमंत्री मोदी को ‘फादर ऑफ नेशन’ कहा गया है। इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की पत्नी भी यही बात कह चुकी हैं। उनका कहना है कि मोदी को यह खिताब दिए जाने की आलोचना होना पूरी तरह सही है।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री रहे प्रियांक खड़गे ने ट्विटर पर डोनाल्ड ट्रंप के बयान का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि तो क्या अब अमेरिकी तय करेंगे कि राष्ट्रपिता कौन है? उन्होंने आरोप लगाया कि फासीवादी लोगों ने हमारे लोगों से बौद्धिक तर्क लूटा है। सोशल मीडिया के प्रोपेगेंडा ने मिलकर आने वाली पीढ़ियों और उनकी सोच को भी बिगाड़ दिया है।

एक व्यक्ति नरेन्द्र सिंह राजावत लिखते हैं कि वह व्यक्तिगत तौर पर मानते हैं कि ‘फादर ऑफ नेशन’ की जगह ‘सन ऑफ इंडिया’ प्रधानमंत्री मोदी के लिए बेहतर शब्द है।

ट्रम्प ने मोदी के साथ संयुक्त राष्ट्र भवन में वार्ता के पहले एक साझा प्रेस कांफ्रेंस में प्रधानमन्त्री को ‘फादर आफ नेशन’ की संज्ञा दी थी। ट्रम्प के अनुसार मोदी ने देश में वैमनस्य, अशांति और विभाजन को दूर किया है। मोदी के लोकप्रिय व्यक्तित्व से चमत्कृत ट्रम्प ने उनकी तुलना अमेरिका के सर्वाधिक लोकप्रिय रहे रॉक स्टार एल्विस प्रेस्ली से भी की। उन्होंने कहा मोदी वैसे ही रॉक स्टार हैं जैसे कि अमेरिका में ‘एल्विस प्रेस्ली’ था।

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