जबलपुर। केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के समर्थन में जबलपुर के रेडिसन ग्राउंड में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भाजपा नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर जनजागरण अभियान चला रही है। इसे इसलिए चलाना पड़ रहा है, क्योंकि विपक्ष में बैठे लोग सीएए को लेकर देश में भ्रम फैला रहे हैं, जबकि वास्तविकता तो यह है कि सीएए में किसी की नागरिकता वापस लेने के लिए कहीं नहीं लिखा है। देश के अल्पसंख्यकों को उकसाया जा रहा है कि आपकी नागरिकता चली जाएगी। मैं देश के अल्पसंख्यक भाइयों-बहनों से कहने आया हूं कि वे सीएए को पढ़ लें, इसमें कहीं पर भी किसी की भी नागरिकता जाने का कोई प्रावधान नहीं है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को दोपहर जबलपुर पहुंचे, जहां भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा उनका भव्य स्वागत कर अगवानी की। रेडिसन ग्राउंड पर आयोजित विशाल जनसभा में उन लोगों का भी स्वागत किया गया, जिन्हें देश की नागरिकता मिली है। अमित शाह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह जबलपुर वर्षों से देश में संस्कारधानी से नाम से पहचाना जाता है। इस धरती को आचार्य विनोबा भावे ने संस्कारधानी का नाम दिया। यही भूमि है जहां आचार्य रजनीश, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में पढ़ाते रहे। यहां वीररघुनाथ शाह ने भारत माता के लिए अपने प्राण दे दिए। यहीं रानी दुर्गावती ने अपनी वीरता दिखाते हुए मुगलों के दांत खट्टे किये थे। मैं आज ऐसे विषय पर संबोधित करने आया हूं, जिसका मुझे बहुत गर्व है।
उन्होंने कहा कि भाजपा को सीएए के लिए जनजागरण चलाना पड़ रहा है, क्योंकि इस कानून को लेकर विपक्ष के लोग देश में भ्रम फैला रहे हैं। मैं यहां राहुल गांधी, ममता बनर्जी समेत तमाम विरोध करने वाले लोगों को चैलेंज करना चाहता हूं कि सीएए में किसी की नागरिकता जाने की बात कहां लिखी हुई है, यह बता दें। यह कानून किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं, बल्कि दूसरे देशों से प्रताड़ित होकर भारत आने वाले लोगों को नागरिकता देने के लिए है। इसके माध्यम से आस-पास के देशों में अल्पसंख्यकों का भारत स्वागत करेगा और उन्हें नागरिकता देगा। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस के नेताओं को यह पूछना चाहता हूं कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में बहुत कम अल्पसंख्यक बचे हैं, जो पहले वहां थे वे कहां गए। पाकिस्तान में उनके साथ जो जुल्म हो रहा है, उसकी वजह से वे भारत आना चाहते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मैं विपक्ष को कहना चाहता हूं कि देश की जनता की आवाज समझिए, वरना जितने बचे-कुचे अल्पसंख्यक वहां बचे हैं, वे भी खत्म हो जाएंगे।