नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान स्थित करतापुर साहिब जाने के लिए पासपोर्ट अनिवार्यता पर पाकिस्तान की ओर से आ रहे अगल-अलग बयानों पर आपत्ति व्यक्त की है। भारत ने कहा है कि दोनों देशों के बीच हुए करार के प्रावधानों के तहत श्रद्धालु करतापुर साहिब वैध पासपोर्ट या प्रवासी भारतीयों के लिए निर्धारित ओआईसी कार्ड के माध्यम से ही कर पाएंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पत्रकार वार्ता में कहा कि पाकिस्तान को करतापुर साहिब पर समझौता करते समय ही गंभीरता दिखानी चाहिए थी। अब अलग से घोषणाएं करना सही नहीं है। इससे असंमजस की स्थिति पैदा हो रही है। भारत एमओयू के अंतर्गत तय यात्रा से जुड़ी नियम-प्रक्रिया को ही स्वीकार करता है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की यात्रा को लेकर दोनों देशों के बीच एक करार हुआ है। कोई देश इस करार में एकतरफा बदलाव नहीं कर सकता। भारत इस करार में तय मानदंडों को ही स्वीकारता है और यात्रा भी इन्हीं के तहत होगी, जब तक की समझौते में दोनों ओर से स्वीकार्य बदलाव नहीं किया जाता।
वहीं पहले जत्थे को लेकर सौंपी गई श्रद्धालुओं की सूची पर रवीश ने कहा कि पाकिस्तान को चार दिन पहले सूची को मंजूरी देनी अनिवार्य है, जिसमें बहुत कम समय रह गया है। हमारा मानना है कि अगर पाकिस्तान मंजूरी नहीं देता तो इसे स्वीकार्य माना जाएगा। ऐसे में पहले जत्थे के साथ जाने वाले सभी अपनी तैयारी कर लें।
करतारपुर जाने वाले अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा को लेकर रवीश कुमार ने कहा कि भारत ने एक बार फिर सुरक्षा के बारे में पाकिस्तान को अपना मंतव्य बताया है। अतिविशिष्ट लोगों की यात्रा के पूर्व सुरक्षा और मेडिकल सुविधाओं का जायजा लेने जाना एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसे पाकिस्तान को स्वीकारना चाहिए।
करतापुर कॉरिडोर के वीडियो में खालिस्तानी आतंकियों की तस्वीरें दिखाई देने के विषय में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत लोगों की श्रद्धा और विश्वास को देखते हुए इस करार के लिए आगे बढ़ा है। पाकिस्तान ने करार करते समय भरोसा दिलाया था कि वह गलियारे से होने वाली यात्रा को किसी भी तरह भारत विरोधी गतिविधी के लिए इस्तेमाल नहीं होने देगा। उन्हें इस वादे पर टिके रहना चाहिए। ऐसे में खालिस्तानी आतंकियों को दिखाते वीडियो और इसी प्रकार की प्रिंट सामग्री को उन्हें हटा लेना चाहिए।
इसके अलावा पंजाब कांग्रेस के नेता एवं पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पाकिस्तान यात्रा से जुड़े अनुरोध, जिसमें राजनीतिक मंजूरी भी शामिल है, पर रवीश ने कहा कि करतापुर साहिब से जुड़ी पूरी कवायद के बीच किसी एक व्यक्ति पर तवज्जो नहीं दी जानी चाहिए। किसी एक व्यक्ति की यात्रा के बारे में कुछ कहना ठीक नहीं है, यह उन पर है कि वह क्या निर्णय लेते हैं।