India-Pakistan Relation: पाकिस्तान की आसमान छूती महंगाई ने भारत से आयात प्रतिबंधों पर फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है. वाणिज्य और निवेश पर प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद ने कहा है कि भारत के साथ व्यापार समय की जरूरत है और ये भारत से ज्यादा पाकिस्तान के लिए फायदेमंद है.

पाकिस्तानी अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को अब्दुल रजाक दाऊद ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘जहां तक ​​वाणिज्य मंत्रालय का सवाल है, वो ऐसी स्थिति में है कि भारत के साथ व्यापार हो. और मेरा रुख ये है कि हमें भारत के साथ व्यापार करना चाहिए. दोनों देशों के बीच व्यापार को फिर से शुरू किया जाना चाहिए.’

अब्दुल रजाक दाऊद ने कहा कि भारत से साथ व्यापार का वो समर्थन करते हैं क्योंकि ये पाकिस्तान के लिए बेहद फायदेमंद है. उन्होंने कहा, ‘भारत के साथ व्यापार सभी के लिए बहुत फायदेमंद है, खासकर पाकिस्तान के लिए. और मैं इसका समर्थन करता हूं.’

पाकिस्तान में आसमान छूती महंगाई और लोगों पर उसके प्रतिकूल प्रभाव पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं इस मुद्दे पर आपसे सहमत हूं. लेकिन तेल, कच्चे माल, मशीनरी और अन्य सामानों के आयात के कारण यह समस्या बनी रहेगी.’

इससे पहले भी, पाकिस्तान ने भारत से व्यापार बहाल करने की बात कही थी लेकिन विपक्ष के विरोध की वजह से इमरान सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे.

भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार पर क्यों है प्रतिबंध?

भारत और पाकिस्तान के बीच साल 2019 से ही व्यापार बेहद कम हो रहा है. उसी साल जनवरी में कश्मीर के पुलवामा हमले में 40 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. भारत ने इसके लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार बताया और पाकिस्तान से व्यापार पर कस्टम ड्यूटी को 200 फीसद तक बढ़ा दिया. इसका असर ये हुआ कि भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार कुछ ही महीनों के अंदर 10 प्रतिशत से भी कम रह गया.

भारत ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटा दिया जिसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत से आयात पर प्रतिबंध लगा दिया. इसके बाद दोनों देशों के बीच व्यापार 90 फीसद तक गिर गया.

किसको अधिक नुकसान?

पाकिस्तान का कपड़ा और चीनी उद्योग इस व्यापार प्रतिबंध से प्रभावित हुआ है, वहीं भारत के सीमेंट, सेंधा नमक और छुहारे आदि ड्राई फूट्स के बाजार पर इस प्रतिबंध का असर पड़ा है.

पाकिस्तान पर इस व्यापार प्रतिबंध का ज्यादा असर हुआ है. वहां का कपड़ा और दवा उद्योग कच्चे माल के लिए भारत पर निर्भर है और प्रतिबंधों का इन पर खासा असर पड़ा है.

भारत और पाकिस्तान के बीच कम व्यापार होने का एक कारण हाई टैरिफ, कठिन वीजा नीति और व्यापार की मुश्किल प्रक्रिया भी है. साल 2018 में आई विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर दोनों देश व्यापार प्रक्रिया को आसान बनाते हैं, टैरिफ को कम करते हैं और वीजा नीति को आसान बनाते हैं तो दोनों का व्यापार 2 अरब डॉलर से बढ़कर 37 अरब डॉलर का हो सकता है.

हाल के दिनों की बात करें तो भारत पाकिस्तान के बीच व्यापार में थोड़ी बढ़ोतरी आई है. भारत के केंद्रीय बैंक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक, भारत से पाकिस्तान को निर्यात दिसंबर में बढ़कर 2.94 अरब हो गया, जो नवंबर 2021 में 1.82 अरब था.

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