नई दिल्ली: अयोध्या में श्रीराम मंदिर भूमि पूजन समारोह कई मायनों में खास रहा। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद यह पहला अवसर है, जब मातृसंगठन आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक साथ मंच पर नजर आए हैं। दोनों हस्तियों ने बुधवार को एक साथ भूमि पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद किसी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी और संघ प्रमुख को एक साथ भाग लेने का मौका नहीं आया।

पहली बार पांच अगस्त को ऐसा संयोग बना जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में ट्रस्ट ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को भी बतौर विशिष्ट अतिथि आमंत्रित किया। भूमि पूजन स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत, प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

राम मंदिर के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम में ट्रस्ट की ओर से 36 आध्यात्मिक परंपराओं से संबंध रखने वाले कुल 135 पूज्य संतों को आमंत्रित किया गया। काशी और अयोध्या के पुजारियों की एक टीम ने भूमि पूजन कराया। ट्रस्ट ने राम मंदिर आंदोलन के शिल्पकार रहे अशोक सिंघल के भतीजे सलिल सिंघल को बतौर यजमान आमंत्रित किया।

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