नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में पीएम आवास पर जम्मू कश्मीर को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक करीब साढ़े तीन घंटे तक चली.
पीएम मोदी समेत कई अहम नेता इस बैठक में शामिल हुए.
कश्मीर की मौजूदा स्थिति और भविष्य को लेकर इस बैठक में चर्चा की गई.
इस बैठक में पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा कि वो ‘दिल की दूरी’ और ‘दिल्ली की दूरी’ को खत्म करना चाहते हैं.
कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने बताया कि हमने बैठक में केंद्र के सामने पांच मांगें रखी हैं. जिनमें-
- कश्मीर को राज्य का दर्जा
- फिर से लोकतंत्र स्थापित करने के लिए विधानसभा चुनाव
- कश्मीरी पंडितों का जम्मू कश्मीर में पुनर्वास
- सभी राजनैतिक कैदियों की रिहाई
- डोमिसाइल जमीन की गारंटी शामिल है.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि हम धारा 370 को संवैधानिक और क़ानूनी तरीके से बहाल करना चाहते हैं.
धारा 370 को हटाए जाने के करीब दो साल के बाद केंद्र सरकार की ओर से राज्य के नेताओं के साथ ये बातचीत की गई है.
नई दिल्ली में PM आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई इस बैठक में फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, रविन्द्र रैना, कवींद्र गुप्ता, निर्मल सिंह, सज्जाद लोन, भीम सिंह समेत अन्य कई नेता शामिल रहे.
इस मीटिंग में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, NSA अजीत डोभाल, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा केंद्र के अन्य कई अफसर भी मौजूद थे.
इस बैठक का मुख्य केंद्र जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करना था. बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि हम जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध हैं.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सफलतापूर्वक संपन्न हुए डीडीसी चुनाव की तरह ही विधानसभा चुनाव कराना हमारी प्राथमिकता है.
सूत्रों के मुताबिक कश्मीर में जिन कैदियां पर गंभीर और आपराधिक मामले दर्ज नहीं हैं, सरकार उन्हें जल्द रिहा करेगी.