लखनऊ। राजधानी में गुरुवार को हुई हिंसा पर काबू पाने के बाद प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है। राजधानी लखनऊ समेत विभिन्न जनपदों में पूरी रात पुलिस गश्त करती रही। सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है। लखनऊ सहित कई महानगरों व जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयी हैं।

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गुरुवार को विभिन्न जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए राज्य सरकार ने मोबाइल, एसएमएस और इंटरनेट सेवाओं को निलंबित रखने की समय सीमा बढ़ाकर शनिवार दोपहर तक कर दी है। लखनऊ के जिलाधिकारी ने प्रमुख सचिव (गृह) को शनिवार तक के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद करने के लिए पत्र भेज दिया है। प्रयागराज में शुक्रवार दोपहर तक सेवाएं बंद रहेंगी। जुमे की नमाज को लेकर पुलिस काफी सतर्क दिख रही है।

डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि राज्य में हिंसात्मक गतिविधियों में शामिल 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हम लोग सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं। एसएसपी लखनऊ उचित कार्रवाई करेंगे, हम किसी को नहीं बख्शेंगे। गुरुवार को ही लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने उपद्रवियों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक व निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई उपद्रवियों की संपत्ति को नीलाम कराकर की जाएगी।

योगी ने विपक्ष की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, सपा व अन्य वामपंथी संगठन अनावश्यक भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। योगी ने कहा कि उपद्रवियों से पूरी सख्ती से निपटा जाएगा। प्रदर्शन के नाम पर हिंसा स्वीकार नहीं की जाएगी। वह खुद पूरी कार्रवाई की समीक्षा कर रहे हैं। देर रात उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से दिनभर के हालात का जायजा लिया। जुमे की नमाज के मद्देनजर शुक्रवार को विशेष सतर्कता बरतने का आदेश भी दिया।

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