नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। इसके बाद सियासी अटकलें तेज हो गईं। पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस इकाई में आपसी कलह के बीच प्रशांत का राहुल से मिलना अहम माना जा रहा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर और गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। पंजाब में कांग्रेस की सरकार है। जबकि बाकी जगह पर वह अपनी खोई जमीन पाने की कोशिश करेगी। बंगाल में ममता बनर्जी की सत्ता में वापसी कराने में प्रशांत किशोर की भूमिका अहम रही थी। सूत्रों  के अनुसार प्रशांत किशोर की आई-पैक पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ काम कर रही है। राहुल की प्रशांत के साथ मीटिंग के इसलिए भी काफी मायने हैं क्योंकि पंजाब के साथ उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनाव होने हैं। यह बैठक ऐसे समय हुई है जब प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को यूपी कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात की थी।

ब्लैक टी-शर्ट और डार्क ब्लू जींस पहनकर प्रशांत राहुल से मिलने पहुंचे। इस दौरान उनके मुंह पर मास्क लगा हुआ था। वैसे तो मीटिंग का एजेंडा साफ नहीं हुआ है, लेकिन अगले साल कई राज्यों में चुनावों के बीच प्रशांत किशोर का दोबारा सक्रिय होना बड़े संकेत देता है। खासतौर से तब जब पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को प्रचंड बहुमत से वापसी कराने में प्रशांत की भूमिका को काफी अहम माना जाता है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के लखनऊ जाने के कार्यक्रम का टलना भी पीके की राहुल की मुलाकात के साथ जोड़कर देखा जाने लगा है। पहले प्रियंका का 14 जुलाई को लखनऊ जाने का कार्यक्रम था। अब इसे टालकर 16 जुलाई कर दिया गया है। इस दौरे के साथ ही कांग्रेस यूपी में चुनावी बिगुल फूंकेगी। इस बार यूपी चुनाव की कमान प्रियंका के हाथों में सौंपी गई है।

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