चंडीगढ़।  बीते कई दिनों से धरने पर बैठे गन्ना किसानों की मांगों को आखिरकार कैप्टन सरकार ने हरी झंडी दिखा दी है। पंजाब सरकार ने किसानों को गन्ने पर 360 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत देने का फैसला किया है। साथ ही, 15 दिनों के अंदर बकाया राशि का भी भुगतान कर दिया जाएगा, जिसके बाद किसानों ने धरना खत्म करने का ऐलान कर दिया है।

मंगलवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और किसान संगठनों के बीच गन्ने की कीमतों और बकाये को लेकर बैठक हुई। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुलाकात के बाद की एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर साझा की है, जिसमें किसान नेता उनका मुंह मीठा करवा रहे हैं। कैप्टन ने तस्वीर के साथ लिखा, ‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि किसानों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद गन्ने के लिए 360 रुपये प्रति क्विंटल की दर से एसएपी (राज्य समर्थन मूल्य) मंजूर किया गया है।’ मेरी सरकार हमारे किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। जय किसान, जय जवान!’

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने गन्ने की बकाया राशि का भुगतान 15 दिनों के अंदर करने का भी वादा किया है। सरकार के फैसले से खुश किसानों ने फौरन धरना खत्म करने की घोषणा कर दी है।

बता दें कि किसानों को अब पड़ोसी राज्य हरियाणा से गन्ने की एसएपी दो रुपये ज्यादा मिलेगी। इससे पहले सोमवार को नवजोत सिंह के उस ट्वीट का हवाला देकर हरियाणा की भाजपा ईकाई ने इसी मुद्दे पर पंजाब सरकार पर जमकर हमला बोला था, जिसमें सिद्धू ने पंजाब सरकार को हरियाणा की तर्ज पर किसानों को गन्ने की कीमत देने की मांग की थी। सिद्दू ने मंगलवार को भी गन्ना किसानों की मांगों के मुताबिक गन्ने की कीमतें तत्काल बढ़ाए जाने की बात कही थी। सिद्धू ने कहा था कि गन्ने की एसएपी 2018 से नहीं बढ़ाई गई है, जबकि इसका लागत मूल्य 30 प्रतिशत तक बढ़ गया है।

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