नई दिल्ली। चीन ने लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल पर सेना की तैनाती बढ़ा दी है। भारत ने भी उसी लेवल पर फोर्सेज तैनात की हैं ताकि चीन की किसी भी हरकत का फौरन मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। तैयारियां परखने के लिए शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लेह जा रहे हैं। उनके साथ आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी होंगे। जनरल नरवणे एक हफ्ते पहले भी लेह-लद्दाख का दौरा कर चुके हैं।

लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल पर चीन ने जिस तरह से आक्रामक रुख अपनाया है, उसे देखते हुए पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा के ताजा हालात क्‍या हैं, राजनाथ इसका जायजा लेंगे। वह आर्मी चीफ की पिछले दौरे की तरह लद्दाख में कई फारवर्ड पोस्‍ट्स पर जा सकते हैं।

रक्षा मंत्री का यह दौरा चीन के लिए साफ संदेश होगा। चीन का कोई भी बड़ा सैन्‍य अधिकारी हेडक्‍वार्टर से निकलकर जिनझियांग में नहीं आया है। न ही उनके किसी मंत्री ने सैनिकों की सुधि ली है। जबकि भारत की तरफ से एयरफोर्स चीफ और आर्मी चीफ जवानों के बीच जाकर उनका हौसला बढ़ा चुके हैं। अब रक्षा मंत्री का वहां जाना जवानों के हौसले को और मजबूत करेगा। राजनाथ सिंह भी फारवर्ड पोस्‍ट्स पा जाकर सैनिकों से मुलाकात कर सकते हैं।

बॉर्डर से सटी गलवान घाटी, पैंगोंग त्‍सो, डेपसांग प्‍लेन्‍स और हॉट स्प्रिंग्‍स में चीनी सेना ने आक्रामक तेवर दिखाए हैं। भारत की ओर से भी बॉर्डर एरियाज में चीनी तैनाती के बराबर सैनिक पोस्‍ट किए गए हैं। इसके अलावा चीन ने LAC के करीब इलाकों में जिस तरह से हथियार और युद्ध का साजोसामान जमा किया है, उसे देखते हुए भारत की तैयारी भी पूरी है।

पूर्वी लद्दाख में एयर डिफेंस सिस्‍टम तैनात

सीमा पर चीन की हर हरकत पर नजर रखने और उससे निपटने के लिए एयरफोर्स तैयार है। पूरे सेक्‍टर में एडवांस्‍ड क्विक रिएक्‍शन वाला सरफेस-टू-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम मौजूद है जो किसी भी फाइटर जेट को कुछ सेकेंड्स में तबाह कर सकता है। आर्मी ने पूर्वी लद्दाख में ‘आकाश’ मिसाइलें भी भेजी हैं। IAF के फाइटर एयरक्राफ्ट्स पहले से ही काफी सक्रिय हैं।

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