प्रयागराज: आराधना महोत्सव में हिस्सा लेने पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि अध्यात्म के बिना धर्म का कोई अस्तित्व नहीं है। शहर के अलोपीबाग में स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के आश्रम में आयोजित आराधना महोत्सव का संघ प्रमुख ने मंगलवार को शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम ज्योतिष्पीठ के ब्रह्मलीन शंकराचार्य ब्रह्मानंद सरस्वती के 150वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था।

कार्यक्रम का शुभारंभ ज्योतिष्पीठ के ब्रह्मलीन शंकराचार्य ब्रह्मानंद सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन करने से हुआ। कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ. भागवत ने कहा कि अध्यात्म हमें मनुष्यता की ओर ले जाता है। जीवन में अध्यात्म का बहुत ज्यादा महत्व है। आध्यात्मिक उन्नति से ही मानव का विकास हो सकता है। अध्यात्म सबको साथ लेकर चलने की शक्ति प्रदान करता है। इसीलिए अध्यात्म के बिना धर्म का कोई अस्तित्व नहीं है।

कार्यक्रम के बाद ज्योतिष्पीठ विवाद पर स्वामी वासुदेवानंद से उनकी वार्ता हुई। अलोपीबाग स्थित शंकराचार्य आश्रम में राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने ज्योतिष्पीठाधीश्वर के रूप में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के पट्टाभिषेक को गलत बताया। उन्होंने कहा कि वह शंकराचार्य न हैं, न कभी हो सकते हैं। उन्हें संन्यास धारण करने का भी अधिकार नहीं है।

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