कोरोना के चलते देशभर में लगे छह माह के लंबे लॉकडाउन के बाद अनलॉक 5 के बाद कई राज्यों ने स्कूल खोल दिए हैं. इस दौरान स्कूलों ने केंद्र सरकार की गाइडलाइंस को लागू करते हुए स्कूल खोल दिए हैं. जानिए किन राज्यों में कई नियमों के आधार पर स्कूल खोले गए हैं.

आंध्र प्रदेश में कक्षाएं सुबह 9:15 बजे से दोपहर 1:45 बजे तक आयोजित की जाएंगी और प्रत्येक कक्षा में सोशल डिस्टेंस का पालन सख्ती से किया जाएगा. कक्षाओं में केवल 16 छात्र बैठ सकेंगे. इसे देखते हुए शैक्षणिक वर्ष को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है. अधिकारियों ने कहा कि आंध्र प्रदेश में कक्षा 9 और 10 के छात्र सोमवार से वैकल्पिक दिनों में स्कूल जाना शुरू कर सकते हैं.

आंध्र प्रदेश में स्कूल चरणबद्ध तरीके से फिर से खुल रहे हैं. कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए दिन-प्रतिदिन के कार्यक्रम से लेकर मिड डे मील में भी बदलाव किया गया है. यहां सरकार की मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुपालन में एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए सभी सावधानी बरत रहे हैं. सभी राज्यों में केंद्र सरकार की गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जा रहा है. इसके अनुसार बिना अभिभावकों की लिखित सहमति‍ के छात्रों को स्कूल आने की अनुमति नहीं है.

यूपी की राजधानी लखनऊ में आज से 80% स्कूलों में कक्षाएं शुरू हो गई हैं. हालांकि अभी 10वीं और 12वीं की कक्षाओं की शुरुआत की गई है. अभी कुछेक निजी स्कूलों में अभी और इंतजार करने का भी फैसला लिया है. यह लोग दीपावली के बाद नियमित कक्षाएं शुरू कर सकते हैं. लखनऊ में सीबीएससी, यूपी बोर्ड और सीआईएससी के कक्षा 9 से 12 तक करीब 1000 स्कूल हैं जिन पर बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है. लेकिन कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन के कारण अभी तक ऑनलाइन कक्षाएं ही चल रही थीं.

प्रशासन के निर्देश के बाद 15 अक्टूबर से स्कूलों को खोलने छूट दी गई थी कि वे अपने विवेक से नियमित कक्षाएं शुरू कर सकते हैं. जिसके बाद स्कूलों ने बड़े क्लास के बच्चों के स्कूल आने पर सहमति जताई लेकिन कई जगहों पर अभी भी इंतजार करने का फैसला किया गया है. अनलॉक 5 की प्रक्र‍िया के साथ 15 अक्टूबर से देशभर में स्कूल खोलने की प्रक्र‍िया शुरू हो चुकी है. इस बारे में सरकार ने गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. अब कई राज्यों ने दो नवंबर से इस पर फैसला ले लिया है.

इसके लिए यूपी सरकार ने अपनी एसओपी तैयार की है. यहां कंटेनमेंट जोन से बाहर के स्कूल खोले जाएंगे. अभ‍िभावकों की अनुमत‍ि से ही बच्चे स्कूल में आ सकेंगे. महाराष्ट्र सरकार ने दिवाली के बाद इस बारे में विचार करने की बात कही है इसलिए वहां स्कूल फिलहाल बंद ही रहेंगे. यहां कोरोना के हालातों की समीक्षा करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा. इसके अलावा राज्य सरकार ने ऑनलाइन क्लास सुचारू रूप से चलाने को कहा है.

हरियाणा की बात करें तो यहां 9वीं से 12वीं कक्षा तक के लिए 21 सितंबर से ही राज्य में इसकी अनुमति दे दी गई थी. फिलहाल यहां 15 अक्टूबर से छठी से 12वीं तक की कक्षाओं को शुरू किया गया है. लेकिन इसमें अभ‍िभावकों की अनुमति को ही विशेष तरजीह दी जा रही है, जोकि केंद्र सरकार की गाइडलाइन में भी दिया गया है.

फर्नीचर, स्टेशनरी, कैंटीन, लैब के साथ ही पूरा परिसर और क्लास रूम का रोज सैनिटाइजेशन होगा. एक क्लास में एक दिन 50 फीसदी बच्चे ही बैठेंगे. दूसरे दिन बाकी के बच्चों की पढ़ाई होगी. दो स्टूडेंट्स के बीच 6 फीट की दूरी अनिवार्य होगी. इसके अलावा सबसे सख्त नियम ये है कि कोई भी स्टूडेंट अपने अभ‍िभावक की ब‍िना ल‍िख‍ित अनुमत‍ि के स्कूल नहीं आ सकेगा.

हिमाचल प्रदेश सरकार ने 2 नवंबर से कक्षा 9 से 12 वीं के छात्रों के लिए नियमित आधार पर स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया गया था. मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान ये निर्णय लिया गया है. स्कूल जाने के इच्छुक छात्रों के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य होगी, हालांकि, उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी. इसके अलावा, राज्य के कॉलेज गृह मंत्रालय के एसओपी और गाइडलाइन का पालन करते हुए खुलेंगे.

ताजा अपडेट के अनुसार असम के स्कूल 2 नवंबर, 2020 को फिर से खुल रहेे हैं. राज्य के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शिक्षा विभाग को सात महीने से अधिक समय के बाद 2 नवंबर को स्कूलों को फिर से खोलने के दौरान COVID-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है. क्लास 6 और उससे ऊपर के छात्रों के लिए 2 नवंबर से क्लासेज लगेंगी.

असम के शिक्षा विभाग ने बताया कि कक्षा 6, 7, 9 और 12 के छात्र प्रत्येक सप्ताह के सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को कक्षा में पढ़ेंगे, जबकि कक्षा 8, 10 और 11 के छात्र मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को स्कूल में रिपोर्ट करेंगे. इसी तरह 1, 3 और 5 वें सेमेस्टर के कॉलेज के छात्रों को सप्ताह के बाद क्रमशः दो, तीन और चार दिनों के लिए कक्षाएं होंगी. कक्षाएं दो चरणों में शुरू होंगी और प्रत्येक चरण में अधिकतम 25 छात्रों को ही अनुमति दी जाएगी.

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