नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में धरना प्रदर्शन के चलते सड़क बंद होने के मामले पर 7 फरवरी को सुनवाई करेगा।

पिछले 24 जनवरी को इस मामले पर जल्द सुनवाई करने के लिए वकील अमित साहनी ने चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन किया था। तब चीफ जस्टिस ने कहा था कि आप मेंशनिंग अफसर के पास जाइए। अमित साहनी ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि जाम से लोगों को दिक़्क़तों का सामना करना पड़ा रहा है लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने कोई ख़ास दिशा-निर्देश देने के बजाए मामला पुलिस को देखने के लिए कह कर बंद कर दिया।

पिछले 14 जनवरी को हाइकोर्ट ने पुलिस और सरकार से कहा था कि सभी संबंधित विभाग इस मुद्दे को देखें। सरकारी नियमों और कानून के हिसाब से काम करें। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने पुलिस को निर्देश दिया था कि वे जनहित को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई करें। कानून व्यवस्था का भी ध्यान रखें। उसके बाद 17 जनवरी को हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से फिर कहा कि वो लोगों की ट्रैफिक की समस्या पर गौर करें। जस्टिस नवीन चावला ने दिल्ली पुलिस से कहा कि स्कूल जाने वाली छात्रोंं की समस्याओं पर गौर करें क्योंकि उनका बोर्ड एग्जाम नजदीक है। याचिका में कहा गया है कि पिछले 15 दिसम्बर से नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन की वजह से ये रास्ता बंद है। इस वजह से लोगों को डीएनडी एक्सप्रेस-वे और आश्रम के लिए वैकल्पिक रूट से जाना पड़ता है।

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