मथुरा। कोरोना महामारी के बीच मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम है। हालांकि मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। संभवतः यह पहला मौका होगा जब भक्त जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के दर्शन नहीं कर सकेंगे। उधर, भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में उनके गांव नन्दगांव में मंगलवार को उनका जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी लगातार दो दिन मनाई जा रही है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंगलवार को कान्हा का जन्मदिन मनाएंगे। वहीं कई लोग बुधवार को जन्माष्टमी मनाएंगे।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन और ब्रज के सभी मंदिरों के संचालक, सेवायत और प्रबंधकों के बीच हुई बातचीत में कोरोना वायरस महामारी के दिशा-निर्देशों का पालन करने का फैसला लिया गया। इसके तहत मथुरा-वृन्दावन-गोवर्धन-बरसाना-नन्दगांव-गोकुल-महावन-बलदेव आदि सभी तीर्थस्थलों के मंदिर 10 अगस्त की दोपहर 12 बजे से 13 अगस्त दोपहर बाद तक श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे। हालांकि मंदिर के अंदर सेवायत सभी परम्पराएं पहले की तरह होंगी।

सीधे प्रसारण के जरिए श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में हों शामिल

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को मनाने के लिए श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में बड़ी तैयारियां की गई हैं। परिसर के सभी मंदिरों (भगवान केशवदेव मंदिर, श्रीगर्भगृह, श्रीयोगमाया मंदिर एवं भागवत भवन) को बड़े ही भव्य एवं दिव्य रूप में सजाया गया है। शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के चलते सरकार की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों के पालन में श्रद्धालु इस बार दूरदर्शन या अन्य चैनलों द्वारा टीवी पर सीधे प्रसारण के जरिए श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में शामिल हो सकेंगे।

जन्माष्टमी का ये है पूरा कार्यक्रम

शर्मा ने जन्माष्टमी पर्व के आयोजनों के बारे में बताया कि बुधवार को सुबह दिव्य शहनाई और नगाड़ों के वादन के साथ भगवान की मंगला आरती के दर्शन होंगे। इसके बाद भगवान का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा और ठाकुरजी के प्रिय स्त्रोतों का पाठ व पुष्पार्चन सम्पन्न होगा। सुबह 10 बजे भागवत-भवन में युगल सरकार के श्रीविग्रह के श्रीचरणों में दिव्य पुष्पांजलि का कार्यक्रम होगा। उन्होंने बताया कि जन्माभिषेक का मुख्य और अलौकिक कार्यक्रम रात 11 बजे श्रीगणेश वंदना से शुरू होगा और नवग्रह पूजन कर संपन्न होगा। मध्य रात्रि 12 बजे भगवान के प्राकट्य के साथ कन्हैया की प्राकट्य आरती प्रारंभ होगी। इसके बाद केसर आदि सुगन्धित द्रव्यों को धारण किए हुए भगवान श्रीकृष्ण के चल विग्रह मोर्छलासन पर विराजमान होकर अभिषेक स्थल पर पधारेंगे। उन्होंने कहा कि ठाकुरजी के चल श्रीविग्रह का जन्माभिषेक दूध, दही, घी, बूरा, शहद आदि पंचामृत से होगा। साथ ही अन्य शास्त्रोक्त सामग्री का भी उपयोग दिव्य महाभिषेक में किया जाएगा। इस कार्यक्रम का टीवी पर सजीव प्रसारण किया जाएगा।

नन्दगांव में कृष्ण जन्मोत्सव की धूम

भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में उनके गांव नन्दगांव में मंगलवार को उनका जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। नन्दगांव के गोस्वामी समाज ने तय किया है कि भगवान के जन्म के अवसर पर मनाई जाने वाली सभी परम्पराएं पहले की तरह की निभाई जाएंगी, भले ही कोरोना के चलते उनके स्वरूप को प्रतीकात्मक आकार ही क्यों न दे दिया जाए। इसके तहत इस अवसर पर हर साल बांटे जाने वाले खुशी के लड्डू का कार्य भी किया जाएगा। खास तौर पर बरसाना के गोस्वामी समाज के लिए जो छबरिया (लकड़ी से बनी डलिया) में लड्ड भरकर भेजे जाते थे, वे भी भेजे जाएंगे। जबकि, पहले कोरोना के भय से इस बारे में यह निर्णय लिया गया था कि इस बार यह परम्परा स्थगित कर दी जाए।

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