कानपुर। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के उपजे हालात से कानपुर में भी 127 सिखों की हत्या कर दी गई थी। इन हत्याओं की जांच के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने एसआईटी गठित की और 96 लोगों को आरोपित बनाया गया। जिसमें 11 की गिरफ्तारी पिछले दिनों हो गई थी और दो की गिरफ्तारी अब हुई है। एसआईटी प्रभारी ने बताया कि बचे हुए 61 आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। जिन 22 आरोपियों की मौत हो गई है उनको जांच के दायरे से बाहर कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में पूरे देश में सिखों के खिलाफ घटनाएं हुईं और कानपुर में भी दंगा भड़का। दंगा में 127 सिखों की यहां पर हत्या हो गई थी। सिख दंगों के दोषियों को सजा मिले इसके लिए सिख समाज बराबर विरोध जता रहा था। आखिरकार उत्तर प्रदेश सरकार की योगी सरकार ने एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन कर दिया। एसआईटी ने जांच कर दंगों को लेकर 96 लोगों को दोषी माना गया, जिसमें 22 की मौत हो चुकी है। बचे हुए 74 लोगों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी बराबर प्रयास कर रही है। बीते अलग अलग दिनों में एसआईटी टीम ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। एसआईटी के डीआईजी बालेन्दु भूषण सिंह ने बुधवार को बताया कि दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिनके नाम सिद्ध गोपाल गुप्ता और जितेंद्र कुमार तिवारी हैं। बचे हुए 22 आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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