नई दिल्ली। दिल्ली के वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को विधानसभा में आगामी वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 65 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया। वित्त वर्ष 2015-16 के लिए राज्य सरकार का बजट 30 हजार करोड़ रुपये का था।
सिसोदिया ने अपने बजट भाषण में राजधानीवासियों के लिए जनहित की अनेक योजनाओं का ऐलान किया। इसके साथ ही हर बार की तरह इस बार भी शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था पर जोर देते हुए इनमें और सुधार के लिए कई कदम उठाए जाने की बात कही है। खास बात यह है कि नए वित्त वर्ष से दिल्ली सरकार केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू करने की मंजूरी देने जा रही है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार दिल्लीवासियों को अलग से हेल्थ कार्ड भी जारी करेगी।
सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 65,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव है, 2015 में यहीं बजट 30,000 करोड़ रुपये का था।

उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 20 हज़ार कमरों का निर्माण हुआ है। मैं 17 नई स्कूल बिल्डिंग के निर्माण का प्रस्ताव सदन के समक्ष रखता हूँ। वहीं मोहल्ला क्लीनिक और पॉलीक्लिनिक्स के लिए 365 करोड़ रुपये के प्रावधान किए गए हैं।
सिसोदिया ने कहा कि आज देश में कोरोना वायरस फैला है दिल्ली सरकार इसके लिए हर संभव कदम उठा रही है। हमने वादा किया था कि हम शिक्षा क्षेत्र में सुधार करेंगे और आज मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि हमने इस पर काम किया है। ‘केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेंस’ को देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मॉडल के रूप में पहचाना जा रहा है।
वित्तमंत्री ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय स्तर की बनाने पर जोर देते हुए इसके लिए कई नए काम शुरू किए जाने का भी विश्वास दिलाया। सबसे खास बात यह है कि नए वित्त वर्ष से दिल्ली सरकार केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू करने की मंजूरी देने जा रही है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार दिल्लीवासियों को अलग से हेल्थ कार्ड भी जारी करेगी। वहीं दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में अनेक विकास कार्यों को कराए जाने का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए कई नए काम भी किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही है। मैं दिल्ली के लोगों को विश्वास दिलाता हूँ इस महामरी से लड़ने के लिए हम बजट में कोई कमी नहीं आने देंगे।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 23 से 27 मार्च तक बुलाया गया था और 25 मार्च को बजट पेश होना था, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बजट सत्र एक दिन के लिए सीमित कर दिया गया है।

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