लखनऊ। कोरोना संकट के बीच सोनिया गांधी की ओर से विपक्षी दलों की बुलाई बैठक में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। दाेनों पाटियों के इस कदम को विपक्ष में फूट के तौर पर देखा जा रहा है।
राष्ट्रीय स्तर पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का कोई खास अस्तित्व नहीं है। उत्तर प्रदेश में दोनों ही पार्टियां अपनी खोई ताकत को हासिल करने में जुटी हैं। ऐसे में अगर वे राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के नेतृत्व में कोई फैसला लेती हुई दिखाई देती हैं तो इससे उन्हें सूबे में नुकसान हो सकता है।
प्रियंका से डरी सपा
समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, पिछले विधानसभा चुनाव में एसपी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके काफी नुकसान झेला है। इसके अलावा प्रियंका भी अब प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं, ऐसे में अगर एसपी कांग्रेस के साथ दिखाई देगी तो उससे प्रिंयका को यूपी में मजबूती मिलेगी। कांग्रेस के ‘प्रियंका मॉडल’ को फेल करने के लिए भी एसपी ने कांग्रेस के नेतृत्व में होने वाली बैठक में शामिल न होने का फैसला किया है।
विपक्ष में फूट
सूत्रों ने दावा किया था कि इस बैठक में देश के 28 गैर एनडीए दल हिस्सा लेंगे। लेकिन SP और BSP के इस बैठक से दूर रहने के फैसले को विपक्ष में फूट के तौर पर देखा जा रहा है। मायावती कई मौकों पर विपक्ष की ऐसी बैठकों में अपनी प्रतिनिधि भेजती रही हैं लेकिन इसबार उन्होंने बैठक में भाग लेने से ही इनकार कर दिया। सूत्रों ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस बैठक के लिए SP और BSP दोनों को न्योता भेजा गया था लेकिन दोनों दलों ने इस बैठक में शामिल में असमर्थता जताई है।