नई दिल्ली: कोरोना काल में  जहां लोगों की आमदनी घटी है, रोजगार कम हुए हैं, तो दूसरी ओर सब्जियों की बढ़ी हुई कीमत ने और परेशान करके रख दिया है। पहले लॉक डाउन फिर बारिश और बाढ़ के चलते देशभर में सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं।

दिल्ली, मुंबई और कोलकाता समेत देशभर के सब्जी मंडियों में इस समय सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इससे रसोड़े का बजट बिगड़ गया है। दिल्ली के मंडी में इस समय टमाटर 80 रुपए के पार पहुंच गया है। मुंबई में भी लगभग यही रेट है। वहीं कोलकाता में टमाटर 100 रुपए प्रति किलो हो गया है। इतना ही लगभग सभी हरी सब्जियों के भाव बढ़ गए हैं।

बारिश के बावजूद सप्लाई में कमी नहीं

दिल्ली के आजादपुर मंडी के चेयरमैन आदिल अहमद खान ने बताया कि मानसून के समय हर साल सब्जियों की कीमतों में इजाफा होता है। अक्टूबर तक सब्जियों के रेट बढ़ने की संभावना है। हालांकि नवंबर से रेट में कमी आएगी। आदिल ने कहा कि बारिश के कारण ज्यादातर हरी सब्जियां खराब हो गई हैं लेकिन मार्केट में डिमांड अधिक होने के कारण हरी सब्जियों के भाव बढ़े हैं।

कुछ दिन पहले तक टमाटर 50 रुपए में मिल रही थी

गाजीपुर मंडी के सब्जी विक्रेता राजीव साव ने बताया कि इस समय सब्जी सोने के भाव मिल रही है, 10 दिन पहले टमाटर 50-60 रुपए किलो था लेकिन आज यह 80 रुपए हो गया है। अगर 10 दिनों में इतने रेट बढ़ेंगे तो आम आदमी सब्जी कैसे खाएगा ? उन्होंने बताया कि सब्जियों के दाम बेतहाशा तरीके से बढ़ रहे हैं। इसीलिए लोग सब्जी कम खरीद रहे हैं। बता दें कि गाजीपुर मंडी में सब्जियों के डिमांड में भारी कमी देखी गई है।

एक माह में डबल हुआ हरी सब्जी का रेट

कोलकाता, दिल्ली और मुंबई की मंडियों की बात की जाय तो यहां पिछले एक माह में हरी सब्जियों के दाम डबल हो गए हैं। पिछले माह बीन्स 27 रुपए के भाव पर मिल खरीदा गाय लेकिन इस माह बीन्स की कीमत 40 के आसपास पहुंच गई है। वहीं मंडी में बैंगन इस समय 16 रुपए तो पिछले माह 8 रुपए किलो के भाव से बिकी थी। हालांकि, रिटेल में बैंगन की कीमत 25-30 रुपए के आसपास है। आज मंडी में शिमला मिर्च 36 रुपए किलो के दाम पर बेची गई है। लौकी थोक में 10 रुपए किलो तो रिटेल में 20 से 25 रुपए किलो मिल रही है। पिछले माह लौकी 5-7 रुपए किलो बिकी थी। इसी तरह आलू थोक में 26 रुपए किलो तो रिटेल में 35-40 रुपए किलो मिल रहा है। पिछले माह आलू का थोक भाव 19 रुपए था। वहीं, प्याज थोक में 15 रुपए किलो है जबकि रिटेल में 35 से 40 रुपए किलो है।

मंडी से दुकान में आते-आते महंगी हो जाती है सब्जी

आदिल अहमद बताते हैं कि मंडी में सब्जी सस्ती होने के बावजूद खुदरा व्यापारियों को महंगी रेट पर बेचनी पड़ती है। इसके पीछे कई वजह है। पहला तो इस समय उन्हें मंडी तक आने-जाने में कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है। उसके बाद सफाई का खास ख्याल रखा जाता है। साथ ही एरिया कें आधार पर सब्जियों की डिमांड को देखते हुए मनमुताबिक रेट पर बिक्री करते हैं।

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