नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने नये उभरते हुए खिलाड़ियों के लिये अंतरराष्ट्रीय मानकों तक पहुंच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विदेशों में प्रशिक्षण शिविरों सहित खेल के बुनियादी ढांचे और विश्व स्तरीय कोचिंग सुविधाओं के विकास के लिए पर्याप्त धनराशि प्रदान की है। युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। धनराशि का वितरण खेलो इंडिया योजना, राष्ट्रीय खेल संघों को आर्थिक सहायता, लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना तथा भारतीय खेल प्राधिकरण की खेल प्रोत्साहन योजनाओं जैसी योजनाओं के माध्यम से किया गया है। इन योजनाओं के तहत धन की व्यवस्था करना वित्त पोषण मांग पर आधारित है। योजना के तहत प्राप्त हुए प्रस्तावों को इनकी तकनीकी व्यवहार्यता और योजना दिशानिर्देशों के आधार पर अनुमोदित किया जाता है। ‘खेल’ राज्य का विषय होने के कारण खेलों के विकास की जिम्मेदारी प्राथमिक रूप से राज्य सरकार की होती है। केंद्र सरकार उनके प्रयासों में सहयोग करती है। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने खेलो इंडिया योजना के तहत, झांसी जिले में 1 खेलो इंडिया केंद्र बनाने को मंजूरी दी है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में खेलों से संबंधित 23 विशाल क्रीड़ा कक्ष सहित 30 खेल की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है।

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