मुंबई| कोरोना की दूसरी लहर में महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित है। बड़ी संख्या में हो रही मौतों की वजह से महाराष्ट्र के वडाला में कब्रिस्तान के बाहर जगह की कमी वाला बोर्ड लगा दिया है। इतना ही नहीं यहां दफ़न किए गए पुराने शवों को बाहर निकालकर जगह बनाया जा रहा है ताकि आने वाले शवों का अंतिम संस्कार किया जा सके।

साथ ही बोर्ड  में यह भी लिखा गया कि यहां सिर्फ 1132 कब्रों की ही जगह है। जिसमें से 128 बच्चों के लिए, 165 कोरोना संक्रमितों के लिए और 839 बाकी शवों के लिए हैं। बोर्ड में यह भी लिखा गया है कि बीते 18 महीने में यहां 1000 शव पहुंचे हैं जिसकी वजह से शवों को दफ़नाने के लिए जगह नहीं मिल पा रही है। शव को गलने में करीब 18 महीने का वक्त लगता है लेकिन नई कब्र बनाने के लिए 10-12 महीनों में ही शव निकाले जा रहे हैं।

कब्रिस्तान में जगहों की कमी को लेकर स्थानीय निवासी ने बताया कि सरकार की तरफ से एक कब्रिस्तान मिला है लेकिन अभी तक वह कमेटी के कब्जे में नहीं आया है। अगर वहां जल्दी से मंजूरी मिल जाती है तो वडाला कब्रिस्तान में ऐसी समस्या नहीं आएगी। कई बार तो लोगों को अपने स्वजनों के शव दफ़नाने के लिए काफी दूर के कब्रिस्तान में जाना पड़ता है।

 

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