कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में राज्यपाल जगदीप धनखड़ के पहुंचने पर प्रवेश द्वार पर ताला लगने पर मचे विवाद के बीच राज्य के संसदीय कार्य और शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी ने गुरुवार को कटाक्ष किया। उन्होंने कहा है कि राज्यपाल को चिड़ियाघर जाना चाहिए।

पार्थ चटर्जी ने मीडिया से कहा, राज्यपाल को फोटो खिंचवाना और सुर्खियों में रहना पसंद है। इसलिए यहां-वहां जा रहे हैं। राज्यपाल जहां चाहें वहां जा सकते हैं, कोई रोक-टोक नहीं है केवल उन्हें इस बात का ध्यान रखना होगा कि राज्य सरकार के रुपये अधिक खर्च न करें।

उन्होंने कहा कि राजभवन का खर्च पहले से ज्यादा बढ़ गया है। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल सुबह 10:30 बजे विधानसभा गए थे। प्रवेश द्वार पर ताला लगा मिलने पर राज्यपाल ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र शर्मसार हुआ है।

चटर्जी ने इस पर कहा है कि अगर राज्यपाल को अगर पश्चिम बंगाल के लोकतंत्र की चिंता है तो उन्हें केंद्र सरकार से वह धनराशि दिलानी चाहिए जो पश्चिम बंगाल सरकार को अभी तक नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में कहीं के भी राज्यपाल इतने सवाल खड़े नहीं करते । अगर राज्य सरकार ने कहीं गलती की है तो राज्यपाल को चाहिए कि सरकार के प्रतिनिधि को बुलाकर उसके बारे में बताएं और समाधान का रास्ता समझाएं। मगर धनखड़ ऐसा करने के बजाय मीडिया में सबकुछ बताते हैं। उनका क्या इरादा है कोई नहीं जानता।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल जादवपुर विश्वविद्यालय पहले ही जा चुके हैं। एक दिन पहले कलकत्ता विश्वविद्यालय गए। गुरुवार को विधानसभा पहुंच गए। अब उन्हें चिड़ियाघर जाना चाहिए। वहां वह और अधिक जनसंपर्क कर सकेंगे। बुधवार को राज्यपाल ने कलकत्ता विश्वविद्यालय में वीसी के कमरे में ताला लटकने पर नाराजगी जताई थी। इस पर सफाई देते हुए शिक्षामंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय में जो बैठक होनी थी वह पहले ही रद्द कर दी गई थी। राज्यपाल को इस बारे में जानकारी भी दी गई थी। बावजूद इसके वह वहां गए और मीडिया में अपनी बातें रखी थीं। इशारे-इशारे में पार्थ ने कहा कि राज्यपाल हर जगह जाकर भाषणबाजी करना चाहते हैं इसलिए वह जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं।

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