नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को नए जनगणना भवन का शिलान्यास किया। मानसिंह रोड़ पर बनने वाले इस नए भवन में जनगणना का ब्योरा रखा जाएगा। उद्घाटन के अवसर ही गृहमंत्री विश्वास जताया कि वर्ष 2021 की जनगणना इसी भवन से और डिजिटल होगी जो पेपर सेंसस की बजाए डिजिटल प्लेटफार्म की क्रांति होगी।

गृहमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी के देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद हमारे सोचने की क्षमता में परिवर्तन होने लगा। वर्ष 2021 में पहली बार जनगणना में मोबाइल एप का भी प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 के जनगणना के आधार पर डिजिटलीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई जिससे अब देश में 95 प्रतिशत लोगों के पास गैस सिलेंडर है।

वहीं इससे लोगों को उज्ज्वला योजना का लाभ मिला। गृहमंत्री ने कहा कि देश को समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर के सही इस्तेमाल की शुरूआत भी हुई।

अमित शाह ने कहा कि वर्ष 1865 में सबसे पहले जनगणना हुई थी। तब से लेकर आज 16वीं बार जनगणना होने जा रही है। कई परिवर्तन और नई पद्धति के पश्चात अब जनगणना डिजिटल होने जा रही है। अमित शाह ने कहा कि जनगणना का डिजिटल डेटा होने से अनेक तरह के विश्लेषण के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। देश के सामाजिक प्रवाह, देश के अंतिम शख्स के विकास और देश के भविष्य के कार्य के आयोजन के लिए जनगणना एक बुनियाद की तरह होती है।

उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2022 में जब 75वीं स्वतंत्रता की वर्षगांठ मनाया जाएगा तो देश के किसी भी घर में धुंए वाला चूल्हा नहीं रहेगा। इसी आधार पर 22 अन्य योजनाओं का रेखांकन भी किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जनगणना को संपूर्ण बनाने के लिए 16 भाषाओं को रखा गया है, जिससे लोग अपनी जानकारी सही तरीके से दे सकें।

नया जनगणना भवन पूरी तरह से पर्यावरण संरक्षण के अनुकूल बनाया जाएगा। इस भवन पर 44 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। भवन में 2 टावर होंगे। ए-ब्लाक में आफिस और बी- ब्लाक में डाटा सेंटर रहेगा। भवन कुल 7 मंजिला होगा जिसमें 3 मंजिल तक बेसमेंट होगा। इस अवसर केंद्रीय गृह सचिव ने बताया कि भवन निर्माण के लिए सभी तरह के क्लीयरेंस लिए जा चुके हैं और भवन 2 साल में बनकर तैयार हो जाएगा। शाह ने कहा कि सरकार अब तक हुई सभी जनगणनाओं में सबसे ज्यादा खर्च इस बार करने जा रही है। जनगणना में सरकार इस बार लगभग 12 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है।

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